Terai Elephant Reserve: केंद्र सरकार की यूपी को बड़ी सौगात, पीलीभीत में बनेगा दूसरा एलीफेंट रिजर्व

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Terai Elephant Reserve: केंद्र सरकार की यूपी को बड़ी सौगात, पीलीभीत में बनेगा दूसरा एलीफेंट रिजर्व



सृजित अवस्थी/पीलीभीत. दीपावली के मौके पर उत्तरप्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से एक सौगात मिली है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर, बहराइच व पीलीभीत के जंगलों को मिला कर तराई एलिफेंट रिजर्व बनाया जाना है. अभी तक पीलीभीत केवल टाइगर के नाम से जाना जाता था. लेकिन जल्द ही देश-दुनिया से पीलीभीत आने वाले सैलानी हाथियों का दीदार भी कर सकेंगे. सरकार के केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर एलीफेंट का ऐलान किया है. केंद्रीय मंत्री की घोषणा के बाद तराई के पर्यटन व पर्यावरण से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है.
गौरतलब है कि, तराई एलिफेंट रिजर्व देश का 33वां एलीफेंट रिजर्व होने जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश को जल्द अपना दूसरा एलीफेंट से मिलने वाला है. उत्तर प्रदेश का पहला व एकमात्र एलिफेंट रिजर्व सहारनपुर का शिवालिक एलिफेंट रिजर्व है.
हाथियों का है ऐतिहासिक कॉरिडोरवाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स की मानें तो तराई का यह हिस्सा सदियों से हाथियों का कॉरिडोर रहा है. बाराही का जंगल और शारदा पार से लेकर बहराइच तक हाथी सदियों से विचरण करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ-साथ यह मानवीय दखल बढ़ा और कॉरिडोर नष्ट होता गया. जिसके चलते हाथियों की संख्या और स्वभाव पर गहरा असर पड़ा. जिसके चलते कई सालों से हाथियों के आबादी के बीच जाकर फसलों को नष्ट करने की खबरें सामने आती हैं. अब तराई एलिफेंट रिजर्व के बनने के बाद हाथियों को बेहतर ढंग से संरक्षित किया जा सकेगा.
पड़ोसी देश नेपाल से आते हैं हाथीपड़ोसी देश नेपाल की शुक्ला फाटा सेंचुरी की सीमा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के लगभग क्षेत्र से सटी हुई है. खुली सीमा होने के चलते हाथी शुक्ला फाटा से निकलकर पीटीआर के जंगलों में आ जाते हैं. क्योंकि, अब मानवीय दखल के चलते कॉरिडोर नष्ट हो चुका है. तो ऐसे में हाथी कई बार आबादी के बीच होकर गुजरते हैं. लेकिन एलीफेंट रिजर्व बनने के बाद हाथियों को अपना पुराना कॉरिडोर वापस मिल सकेगा. जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है.
पीलीभीत के लिए बड़ी उपलब्धिअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा व कर्तानियाघाट के जंगल को मिला कर लगभग 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में एलिफेंट रिजर्व बनाया जाना है. जिसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व का लगभग 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र भी शामिल है. पीलीभीत के लिए निश्चित तौर पर यह बड़ी उपलब्धि है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 28, 2022, 16:36 IST



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