Taste Of Lucknow: मक्खन मलाई के बिना अधूरा है लखनऊ का स्वाद, जानिए कैसे होती है तैयार

admin

Taste Of Lucknow: मक्खन मलाई के बिना अधूरा है लखनऊ का स्वाद, जानिए कैसे होती है तैयार



रिपोर्ट : अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ: मक्खन मलाई, जिसे लखनऊ का मेवा भी कहा जाता है और इसे लखनवी मिठाई भी कहा जाता है. खास बात यह है कि इस मिठाई का लुत्फ लोग सिर्फ 4 महीने ही उठा पाते हैं. 4 महीने का मतलब है कि सिर्फ अक्टूबर से लेकर फरवरी तक ही बाजार में इसे बेचा जाता है.
चौक की मशहूर फूल वाली गली के पास मक्खन मलाई की तमाम छोटी-छोटी दुकानें आपको नजर आ जाएंगी. यह मिठाई सिर्फ सर्दियों में ही आती है, इसकी वजह यह है कि इसे सर्दियों में ओस के नीचे रखकर बनाया जाता है.
यानी क्रीम और दूध मिलाकर सर्दियों में जो ओस गिरती है आसमान से उसके नीचे इसे रखा जाता है. फिर सुबह दोनों को मिलाया जाता है. दोनों के मिलने के बाद जो झाग तैयार होता है उसे ही मक्खन मलाई कहते हैं. इसके बाद इसमें केसर, मेवा, इलायची और मिश्री डालकर तैयार किया जाता है. इस लखनवी मिठाई को खाने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं.
गुलाबी ठंड की दस्तक है मक्खन मलाईजैसे ही मक्खन मलाई लखनऊ के बाजार में आ जाती है, लोगों को लखनऊ में गुलाबी ठंड का भी एहसास होने लग जाता है. अभी सिर्फ एक या दो ही दुकान लगी हैं. लेकिन नवंबर के पहले सप्ताह तक यहां पर पूरी मक्खन मलाई की एक मंडी लगती है, जो सुबह 6:00 बजे लग जाती है और रात को करीब 8:00 बजे तक रहती है. इसकी कीमत 60 रूपए की 100 ग्राम है. वहीं 600 रूपए की एक किलो है.
पूरी सर्दी लोग उठाते हैं आनंदग्राहक अंकित जायसवाल ने बताया कि वह पूरी ठंडी यानी 4 महीने इसे खूब खाते हैं और अपने परिवार को भी यहां पर लेकर आते हैं. जो स्वाद लखनवी मक्खन मलाई का है वह कहीं पर भी नहीं मिलता. लोग मक्खन मलाई बना तो रहे हैं लेकिन लखनवी अंदाज और स्वाद कहीं पर भी नहीं है. ग्राहक नीतिका रस्तोगी ने बताया कि यह लखनऊ की खास मिठाई है, जिसके बिना लखनऊ का स्वाद अधूरा है. वह भी पूरी सर्दी इसका आनंद उठाती हैं अपने परिवार के साथ. यह मिठाई मुंह में जाते ही घुल जाती है, वजन बेहद कम होता है.
ऐसे किया जाता है तैयारचौक की मशहूर मक्खन मलाई के दुकानदार कुणाल ने बताया कि मक्खन मलाई बनाने के लिए चाहिए होता है दूध. इसमें थोड़ा सा ताजा सफेद मक्खन डाला जाता है. इसके बाद ठंडा होने के लिए 4-5 घंटा बाहर ही रख दिया जाता है. इसके बाद इसे फेटा जाता है, जब तक गाढ़ा न हो जाए. जब इसमें झाग आने लगे तो इसे देर रात ओस में रखा जाता है. ओस की मदद से यह झाग फूल जाता है. इसके बाद इसमें मेवा, इलायची, केसर और मिश्री मिलाकर तैयार किया जाता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Lucknow news, UP news, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 10:23 IST



Source link