बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश): केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा की जा रही कश्मीरी पंडितों की हत्या पर मंगलवार को कहा कि ‘एक भी हत्या, किसी मासूम की हत्या, इससे बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता और भारतीय होने के नाते उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है.’ जिले के स्याना इलाके के बसी बांगर गांव में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में राज्यपाल खान ने उक्त बातें कहीं.
जम्मू-कश्मीर में हो रही हत्याओं पर पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान के बारे में सवाल करने पर खान ने कहा कि वह अपने पद की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए किसी राजनीतिक विषय पर टिप्पणी नहीं करेंगे. गौरतलब है कि कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण की हत्या के बाद मीडिया से फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, ‘ये बंद होने वाला नहीं है, जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता है, ऐसा चलता रहेगा.’
ये भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला के टारगेट किलिंग पर विवादित बयान के बाद घाटी में बवाल, डोगरा फ्रंट का विरोध प्रदर्शन
घाटी में हो रही कश्मीरी पंडितों की हत्या पर राज्यपाल खान ने कहा, ‘एक भी हत्या, किसी मासूम की हत्या, इससे बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता और वह भारतीय होने के नाते (इन घटनाओं को लेकर) शर्म महसूस करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे देश के एक भी व्यक्ति को अपना घर छोड़ना पड़े और शरणार्थी बनना पड़े तो (इसे लेकर) जितनी शर्म करें उतना कम है.’ हालांकि खान ने भविष्य में चीजें सुधरने की आशा जताते हुए कहा, ‘लेकिन भरोसा दिलाने वाली बात यह है कि इस वक्त वहां (जम्मू-कश्मीर) का प्रशासन, इसे नियंत्रित करने की भरसक कोशिश कर रहा है.’
देश में महिलाओं की स्थिति पर उन्होंने कहा कि महिलाओं की हालत बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के बनाये गये कानून के जरिये बदली है. खान ने कहा कि यह सब जानते हैं कि बाबा साहब ने संविधान बनाया है लेकिन इस बारे में कम बात होती है कि भारत में महिलाओं की हालत जो बदली है वह बाबा साहब के लाए गए कानून के जरिए हुआ है. महिलाओं की स्थिति बदतर होने के सवाल पर उन्होंने कहा महिलाओं की जो स्थिति होनी चाहिए वह नहीं है, लेकिन इसे बदतर कहना ठीक नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि महिलाओं में चेतना पैदा हुई है, पहले 12-13 वर्ष की बच्ची दरवाजे की चौखट पर पैर नहीं रख सकती थी, लेकिन पिछले कई साल से बसी गांव की 50 से ज्यादा लड़कियां शिक्षा लेने के लिए साइकिल चलाकर सात किलोमीटर दूर जाती हैं. उन्होंने कहा, ‘यह उन धर्मों की बच्चियां हैं जहां 12-13 साल की उम्र के बाद घर के बाहर बगैर मां और बड़ी बहन के पैर नहीं रख सकती थीं.’ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Kashmiri Pandits, Kerala, Target Killing, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 18, 2022, 20:17 IST
Source link