हाइलाइट्सआम जनता की धार्मिक भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है: कोर्ट कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच की मांग को खारिज कर दिया हैउत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिली कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्षकारों को झटका लगा है और निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष हाईकोर्ट जा सकता है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 17 मई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि अधिवक्ता कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान जो कथित शिवलिंगम पाया गया उसे सुरक्षित रखा जाए. ऐसी स्थिति में यदि कार्बन डेटिंग तकनीक का प्रयोग करने पर या ग्राउंड पेनीटेटिंग राडार का प्रयोग करने पर उक्त कथित शिवलिंगम को क्षति पहुंचती है तो यह मानीनय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. इसके अतिरिक्त ऐसा होने पर आम जनता की धार्मिक भावनाओं को भी चोट पहुंच सकती है.
कोर्ट ने आगे अपने आदेश में कहा है कि मेरा यह भी विचार है कि इस स्तर पर अधिवक्ता कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान दिनांक 16.05.2022 को पाए गए कथित शिवलिंगम की आयु प्रकृति और संरचना का निर्धारण करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वे को निर्देश दिया जाना उचित नहीं होगा और ऐसा आदेश करने से इस बाद में अंतर्वलित प्रश्नों के न्यायपूर्ण समाधान की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती है. आपको बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हिन्दू पक्ष ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि वजूखाना में पाया गया ‘शिवलिंग’ वाद का एक हिस्सा है. अदालत ने 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष से हिंदू पक्ष के इस स्पष्टीकरण पर जवाब मांगा था. इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने शुक्रवार यानी 14 अक्टूबर को कार्बन डेटिंग नहीं होने का फैसला सुनाया.
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि जिला अदालत के समक्ष उन्होंने बताया कि हमने अपने वाद में यह पहले ही कहा है कि ज्ञानवापी परिसर के सभी दृश्य और अदृश्य देवताओं के दर्शन पूजन का अधिकार हिंदुओं को दिया जाए. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के वजुखाने का पानी हटाने के बाद ‘शिवलिंग’ प्रकट हुआ इसलिए यह हमारे वाद का हिस्सा है.
जैन ने कहा कि कुछ लोगों ने भ्रम फैला रखा है कि कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है. इस पर हमने अदालत को बताया कि जहां कार्बन डेटिंग नहीं कराई जा सकती वहां वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाए. अदालत के बाहर पत्रकारों को जानकारी देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि अदालत ने कहा कि हम चाहते हैं कि आदेश पारित करने से पहले, कुछ प्रश्न हैं, जिन्हें आप हल कर दीजिये, अपना स्पष्टीकरण दे देजिए. पहला यह है कि 16 मई को किये गये सर्वेक्षण कार्य के दौरान जो ‘शिवलिंग’ वहां बरामद हुआ था, वह इस संपत्ति का हिस्सा है या नहीं ? और दूसरा वैज्ञानिक जांच के उद्देश्य से अदालत एक आयोग बना सकती है जिसमें कार्बन डेटिंग और अन्य प्रक्रियाएं अपनाई जा सकती है?ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Gyanvapi Masjid Controversy, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : October 14, 2022, 15:14 IST
Source link