Naresh Kumar former coach of Leander Paes dies PM narendra modi condole | Naresh Kumar Death: दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के पूर्व कोच का निधन, पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

admin

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Naresh Kumar Davis Cup former captain dies: दिग्गज टेनिस खिलाड़ी और पूर्व डेविस कप कप्तान नरेश कुमार का निधन हो गया है. वह 93 साल के थे.  उनके परिवार में पत्नी सुनीता, बेटा अर्जुन, बेटी गीता तथा परिहा हैं. नरेश दिग्गज भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के शुरुआती दिनों के कोच रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेश कुमार के निधन पर दुख जाहिर किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. 
‘बचने की संभावना बहुत अच्छी नहीं थी’
नरेश की कप्तानी में डेविस कप में पदार्पण करने वाले जयदीप मुखर्जी ने इस दुखद खबर की पुष्टि की. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘वह पिछले हफ्ते से उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. मुझे बताया गया कि उनके बचने की संभावना बहुत अच्छी नहीं थी. मैंने एक महान मार्गदर्शक खो दिया है.’ नरेश का जन्म एकीकृत भारत के लाहौर में 22 दिसंबर 1928 को हुआ था. टेनिस में उनके सफर की शुरुआत 1949 एशिया कप से हुई. इसके बाद वह और रामनाथन कृष्णन 1950 के दशक में भारतीय टेनिस का चेहरा बने रहे.
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेश कुमार के निधन पर शोक जताया. उन्होंने बुधवार को ट्वीट में लिखा कि नरेश कुमार ने देश में टेनिस को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई. पीएम मोदी ने लिखा, ‘नरेश कुमार को भारतीय खेलों में उनके अग्रणी योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने टेनिस को लोकप्रिय बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई. एक महान खिलाड़ी होने के अलावा वह एक असाधारण कोच भी थे. उनके निधन से दुख हुआ. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना. ओम शांति.’ अगले साल स्विट्जरलैंड में वेंगेन टूर्नामेंट में खिताब हासिल करने वाले नरेश ने 1969 में एशियाई चैंपियनशिप में अपना अंतिम टूर्नामेंट खेला था.
 
Saddened by the demise of Shrimant Chhatrapati Shivajiraje Bhosale Ji. He was a dynamic and multifaceted personality who worked extensively among the people. He made a rich contribution towards Satara’s progress. Condolences to his family, friends and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2022
रिकॉर्ड 101 विंबलडन मैच खेले
डेविस कप में नरेश कुमार ने साल 1952 में पदार्पण किया और फिर भारतीय टीम के कप्तान भी बने. तीन साल के बाद उन्होंने विंबलडन के चौथे दौर में पहुंच कर अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की. एमेच्योर खिलाड़ी के तौर नरेश कुमार ने रिकॉर्ड 101 विंबलडन मैच खेले हैं. उन्होंने अपने करियर में पांच सिंगल्स खिताब जीते जिनमें आयरिश चैंपियनशिप (1952 और 1953), वेल्श चैंपियनशिप (1952), फ्रिंटन-ऑन-सी एसेक्स चैंपियनशिप (1957) शामिल हैं. 
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