हाइलाइट्सअयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण अगले चरण में नक्काशी के लिए राजस्थान और अयोध्या में लगे हैं कारीगर ग्रेनाइट के भारी पत्थरों को लाने में रेलवे ने दिया सहयोग नई दिल्ली. श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने News18 को दिए एक बयान में कहा कि अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) के गर्भ गृह और भूतल पर पांच मंडप (पोर्च) सहित तीन मंजिला सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य जोरों पर शुरू हो गया है. वर्तमान अनुमान के अनुसार मंदिर (ayodhya ram mandir) और परिसर की कुल निर्माण लागत लगभग 1,800 करोड़ रुपये होगी. दिसंबर 2023 में भक्तों के लिए श्री राम लला के दर्शन को ध्यान में रखते हुए, तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र, परिसर में अन्य उपयोगिताओं और बुनियादी सुविधाओं की सेवाओं का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. 11 सितंबर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पूर्ण ट्रस्ट की बैठक हुई और प्रगति की विस्तृत समीक्षा की.
बयान के अनुसार मंदिर के इस सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण 6.5 मीटर (21 फीट) ऊंचे चबूतरे पर किया जा रहा है जो इसका सीधा भार उठाएगा. चूंकि अधिकांश प्राचीन मंदिरों का निर्माण प्राकृतिक चट्टानी स्तरों पर किया गया था, उसी को देखते हुए श्री राम मंदिर के निर्माण से जुड़े हुए इंजीनियरों ने चबूतरे के काम के लिए ग्रेनाइट पत्थर को चुना था. फरवरी 2022 में शुरू हुआ प्लिंथ का निर्माण अब पूरा हो गया है. प्लिंथ के निर्माण में पत्थरों के बीच इंटरलॉकिंग व्यवस्था द्वारा 5 फीट x 2.5 फीट x 3 फीट आकार के लगभग 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों के ब्लॉक का उपयोग किया गया था. प्रत्येक ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक का वजन लगभग 3 टन है. प्लिंथ में ग्रेनाइट स्टोंस ब्लॉकों के निर्माण और बिछाने के लिए चार टावर क्रेन, कई मोबाइल क्रेन और अन्य उपकरण तैनात किए गए थे. प्लिंथ क्षेत्र लगभग 3500 वर्ग मीटर है, जो एक ठोस चट्टान की तरह काम करेगा. प्रमाणित और परखी हुई गुणवत्ता के ग्रेनाइट स्टोन की खरीद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की खदानों से की गई थी.
भारतीय कंटेनर निगम और भारतीय रेलवे ने दिया अहम सहयोगट्रस्ट ने कहा कि चूंकि भारी वजन और बड़े आकार के इन पत्थरों को यदि सड़क मार्ग से लाते तो इसमें बहुत अधिक समय लगता और निर्धारित शेड्यूल में इसका निर्माण पूरा होना कठिन हो जाता. ग्रेनाइट के परिवहन के लिए भारतीय कंटेनर निगम (भारत सरकार का एक उद्यम) और भारतीय रेलवे ने ताकत झोंकी. ट्रस्ट ने कहा, ‘भारतीय रेलवे ने पूर्ण सहयोग दिया और ग्रेनाइट स्टोन ब्लॉकों के परिवहन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया, जिसने प्लिंथ के पूरा होने में लगने वाले समय को दो महीने तक कम कर दिया.’ वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (खनन मंत्रालय के तहत संगठन), बैंगलोर को खनन स्थल के साथ-साथ श्री राम मंदिर कार्यस्थल पर ग्रेनाइट पत्थरों की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था.
1,200 कुशल तकनीशियन कर रहे हैं नक्काशी का कामभरतपुर जिले के बंसी पहाड़पुर के राजस्थानी बलुआ पत्थर का उपयोग करके मंदिर के सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है. ट्रस्ट ने कहा कि बलुआ पत्थरों की नक्काशी और निर्माण का काम शुरू हो गया है. लगभग 1,200 कुशल तकनीशियन, राजस्थान में खदानों और वर्कशॉप्स के साथ-साथ श्री राम मंदिर कार्यस्थल पर भी काम में लगे हुए हैं. पत्थरों की गुणवत्ता और नक्काशी की कारीगरी की निगरानी बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (एनआईआरएम), आर्किटेक्ट सीबी सोमपुरा और कार्यान्वयन एजेंसियों लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) द्वारा की जा रही है. ट्रस्ट ने कहा कि बंसी पहाड़पुर के लगभग 4.75 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग मंदिर के सुपरस्ट्रक्चर में किया जाएगा और अब तक उनमें से 40 प्रतिशत को निर्माण के लिए नक्काशीदार कर तैयार किया गया है. मुख्य मंदिर में गर्भ गृह, फर्श, मेहराब, रेलिंग और दरवाजे के फ्रेम के लिए राजस्थान से सफेद मकराना संगमरमर को अंतिम रूप दिया गया है. तदनुसार, खरीद और नक्काशी का कार्य प्रगति पर है.
5000 भक्तों के लिए प्रतीक्षालय, पीने का पानी, शौचालय आदि सुविधाएं होंगीट्रस्ट ने बयान में कहा, ‘परकोटा की सुपर संरचना का निर्माण बंसी पहाड़पुर जिला भरतपुर से नक्काशीदार लाल राजस्थान बलुआ पत्थर का उपयोग करके किया जाना प्रस्तावित है. आरसीसी रिटेनिंग वॉल और परकोटा की नींव का निर्माण कार्य निर्धारित समय के अनुसार प्रगति पर है. श्री राम लला मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र में, जूते और अन्य निजी सामान जमा करने की सुविधा, 5000 भक्तों के लिए प्रतीक्षालय, पीने का पानी, शौचालय और अन्य सुविधाओं की योजना बनाई गई है.’
श्री राम जन्मभूमि परिसर के शेष क्षेत्र के लिए मास्टरप्लान को अंतिम रूपट्रस्ट ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि परिसर के शेष क्षेत्र के लिए मास्टरप्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसमें यज्ञ मंडप, अनुष्ठान मंडप, संत निवास, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र, पुस्तकालय, आदि जैसी अन्य सुविधाओं के अलावा ऋषि वाल्मीकि, आचार्य वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, निषाद, जटायु और माता शबरी के मंदिरों की योजना बनाई गई है. वहीं, हरित क्षेत्रों पर अधिकतम ध्यान दिया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि परिसर भक्तों के अनुकूल हो.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ayodhya, Ayodhya ram mandir, Ayodhya Ram TempleFIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 19:12 IST
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