वाराणसी में सिर मुड़वाकर चर्चा में आए अरुण पाठक जेल से रिहा; अनोखे अंदाज में हुआ स्वागत!

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वाराणसी में सिर मुड़वाकर चर्चा में आए अरुण पाठक जेल से रिहा; अनोखे अंदाज में हुआ स्वागत!



रिपोर्ट: अभिषेक जायसवालवाराणसी. वाराणसी (Varanasi) में नेपाली युवक मुंडन मामले से चर्चा में आए विश्व हिंदू सेना (Vishwa Hindu Sena) के चीफ अरुण पाठक (Arun Pathak) जेल से रिहा हो गए. जेल से रिहाई के बाद खास तरीके से उनका स्वागत हुआ. जिला जेल के बाहर 11 वैदिक ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शंख की मंगल ध्वनि से उनका स्वागत किया. फिर उनके समर्थकों ने हर-हर महादेव जयघोष के बीच उनका माल्यापर्ण किया. बताते चले कि ज्ञानवापी में स्थित श्रृंगार गौरी के जलाभिषेक करने के मामले में 8 अगस्त को वाराणसी पुलिस (Varanasi Police) ने अस्सी घाट से अरुण पाठक को गिरफ्तार किया था.
अरुण पाठक की गिरफ्तारी के बाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने भी वीडियो जारी कर उनपर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद इसको लेकर मुकदमा भी दर्ज हुआ था. लेकिन इन तमाम मामलों में वाराणसी के जिला कोर्ट से उन्हें जमानत मिली जिसके बाद वो जेल से रिहा हुए. अरुण पाठक ने बताया कि पुलिस के दवाब में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने उन पर आरोप लगाए थे लेकिन हकीकत ये है कि उन्होंने अपनी महामंडलेश्वर की गद्दी बचाने के लिए ऐसा किया था. पाठक ने दावा किया कि ये बात खुद हेमांगी सखी ने उनसे फोन पर कही थी.

आगे भी जारी रहेगा आंदोलनबता दें कि ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी को लेकर अरुण पाठक 1993 से आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि उनका ये आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस बात पर खुशी भी जताई कि अब ये आंदोलन राष्ट्रव्यापी हो गया है और कई सारे लोग इससे जुड़ रहे हैं.
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