रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी. कहते हैं कि अगर आपके अंदर जज्बा हो तो उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है. इस बात को झांसी के रघुवीर रावत ने सच साबित करके दिखाया है. 61 साल के रघुवीर रावत झांसी की बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हैं. वह पिछले कई सालों से लगातार यह प्रशिक्षण कैंप चला रहे हैं.रघुवीर बालिकाओं को लाठी चलाना, तलवारबाजी और मार्शल आर्ट सिखाते हैं. झांसी के प्रसिद्ध लक्ष्मी व्यायाम मंदिर में कई वर्षों से यह कैंप लग रहा है.
रघुवीर रावत उम्र के उस पड़ाव पर हैं जब लोग सिर्फ आराम करने की सोचते हैं, लेकिन वह व्यायाम करने में पसीना बहाने में विश्वास रखते हैं. वह कहते हैं कि नियमित एक्सरसाइज करने और ट्रेनिंग कैंप चलाने की वजह से ही वह सभी प्रकार की बीमारियों से बचे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य बालिकाओं को स्वस्थ रखना और उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाना है.
पारंपरिक खेलों से जोड़ने का प्रयासरघुवीर बताते हैं कि मोबाइल और टेक्नोलॉजी के इस जमाने में युवा भारतीय पारंपरिक खेलों से दूर होते जा रहे हैं. इस वजह से कम उम्र में ही बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं. बालिकाओं को भारत के पारंपरिक खेलों से जोड़ने के लिए और उन्हें मजबूत बनाने के लिए वह यह कैंप चलाते हैं. झांसी वीरांगना लक्ष्मीबाई की भूमि रही है और ऐसे में यहां की बालिकाओं को तलवारबाजी जैसे गुर तो आने ही चाहिए.
रघुवीर रावत को देखकर आ जाता है कॉन्फिडेंसरघुवीर रावत से तलवारबाजी सीखने वाली एक बालिका बताती है कि उन्हें सबसे अच्छा तब लगता है, जब उनके दादा के उम्र के एक व्यक्ति उन्हें यह सब गुर सिखाते हैं. उनके कॉन्फिडेंस और ऊर्जा को देखकर ही बालिकाओं में भी जोश भर जाता है. एक अन्य लड़की ने बताया कि वह लक्ष्मीबाई की धरती से है इसलिए उन्हें हमेशा से ही तलवारबाजी सीखने की इच्छा थी. रघुवीर रावत द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कैंप में आकर उनकी यह इच्छा पूरी हो गई.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Jhansi newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2022, 17:20 IST
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