नोएडा. वाइल्डलाइफ एसओएस (Wild life SOS) द्वारा मथुरा में एक हाथी संरक्षण और देखभाल केन्द्र (Elephant Center) चलाया जा रहा है. 2010 से और अब तक आए हाथियों की यहां पर बखूवी देखभाल की जाती है. यह वो हाथी हैं जिन्होंने दशकों से दुर्व्यवहार और क्रूरता को सहा है. इतना ही नहीं सर्कस जैसी जगहों पर उन्हें इस्तेमाल करने के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ही ख़राब स्थिति में उन्हें छोड़ दिया गया था. हर साल 12 अगस्त को एलिफेंट डे (Elephant Day) मनाया जाता है. इसी के तहत टेलिविजन के पर्दे पर देश की जानी-मानी एक्टर जेनिफर विंगेट हाथी संरक्षण केन्द्र, मथुरा (Mathura) पहुंची थीं. शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम होगा. वहीं जेनिफर ने हाथियों के साथ काफी वक्त बिताया. अपने हाथों से हाथियों को खाना भी खिलाया. जेनिफर को जानवरों से लगाव रखने के लिए भी जाना जाता है.
जेनिफर ने मुम्बई से मथुरा आकर हाथियों के बीच ऐसे बिताया दिन
दुनिया में घटती हाथियों की आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 अगस्त को वर्ल्ड एलीफैंट डे के रूप में मनाया जाता है. एशियाई हाथियों के संरक्षण की लड़ाई में योगदान देने के लिए, जेनिफर विंगेट ने वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी केंद्र में हाथियों के साथ कुछ दिन बिताने का कार्यक्रम बनाया है. केंद्र में अपने पहले दिन, जेनिफर ने रेस्क्यू कर लाये गए हाथियों की दिल दहला देने वाली कहानियों को सुना. घायल, बीमार और विकलांग हाथियों की जरूरतों को जाना. जेनिफर ने हाथियों की देखभाल और प्रबंधन में योगदान करते हुए अपना दिन बिताया. उन्होंने हाथियों के लिए काटे जा रहे फलों और सब्जियों को काटने और उन्हें खिलाने में सहायता की.
ईवनिंग वॉक पर भी जाते हैं सेंटर के हाथी
जेनिफर ने केंद्र में रह रहे हाथियों के ट्रीटमेंट के बारे में भी जाना. उन्होंने एनजीओ के पशु चिकित्सकों को हाथियों को उपचार और खासतौर पर पैरों की देखभाल करते हुए देखा. इमरजैंसी के हालात में किसी भी हाथी का इलाज किस तरह के अत्याधुनिक उपकरण से किया जाता है इसके बारे में भी जाना. खासतौर पर हाथियों की शाम की सैर बड़ी ही रोचक होती है. वाइल्डलाइफ एसओएस हाथियों को जितना हो सके प्राकृतिक वातावरण प्रदान करता है. सैर के दौरान यह हाथी बड़ी-बड़ी फील्ड में घूमने का लाभ उठाते हैं.
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सेंटर में इस तरह से ठंडा रखा जाता है हाथियों को
वाइल्ड लाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा का कहना है कि हमारे सेंटर में सभी 30 हाथियों के पास अपने खुद के जंबो स्विमिंग पूल के साथ-साथ पानी का छिड़काव करने के लिए स्प्रिंकलर लगे हैं. यह हाथियों के बड़े-बड़े बाड़ों को ठंडा रखने में मदद करते हैं. वहीं हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फुट गहरा है और इसमें 21 हाई प्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं. यह जेट पानी को प्रेशर से फेकते हैं, जिससे हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और ब्लड सर्कुलेशन बना रहे.
स्विमिंग पूल में जहां बूढ़े हाथी, ठंडे ताज़ा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद करते हैं, तो वहीँ चंचल, पीनट, कोकोनट और लक्ष्मी जैसे हाथी ऐसे भी हैं जो पानी में गोते लगाते हैं और पूल के अंदर रबर के टायरों के साथ खेलते हैं. यह पूल 400 वर्ग फुट चौड़े और 6 फुट गहरे हैं. पानी हाथियों के पैरों से अपने भारी वजन को कम करने में भी मदद करता है. गर्मियों से राहत दिलाने के लिए हाथियों को तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी और सब्ज़ी आदि खिलाई जा रही है.
वहीं वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि हम किसी भी तरह की परेशानी में फंसे ऐसे हाथियों की मदद करना जारी रखेंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Elephants, Mathura news, Mumbai, Wild lifeFIRST PUBLISHED : August 11, 2022, 16:21 IST
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