हाइलाइट्सआज भी नाव के रास्ते शहर जाने पर मजबूर हैं ग्रामीणस्कूली छात्रों की शिक्षा होती है सर्वाधिक प्रभावितअमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में लगभग आधा दर्जन गांव के लोग सड़क न होने की वजह से मुश्किल भरी जिन्दगी जीने को मजबूर हैं. गंगा किनारे बसे इन ग्रामीणों को शहर जाने के लिए घंटों तक नाव का इंतजार करना पड़ता है. आजादी के 75 साल बाद भी यहां के हालात जस के तस हैं.
जनपद अमरोहा की तहसील धनोरा में गंगा किनारे बसे लगभग आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों की जिंदगी बरसात के मौसम में बेहद खराब हो जाती है. गंगा किनारे बसे लोग आजादी से अब तक नाव के सहारे ही शहर आते जाते हैं. कई बार तो नाव के पलटने से हादसे भी हो चुके हैं. हालात ये हैं कि इन गांवों में एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती हैं. कई बार तो गंभीर बीमारी के चलते मरीजों ने रास्ते में ही दम भी तोड़ दिया है.
ग्रामीणों ने यह कहाग्रामीणों का कहना है कि सरकार का हमारी तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं है. उचित संसाधनों के अभाव में हमारे बच्चे आज भी अशिक्षित हैं. नाव के सहारे बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते, इसलिए उनकी पढ़ाई बाधित होती है. ग्रामीणों ने बताया कि नाव की व्यवस्था भी गांव वाले ही करते हैं. नाविक को गेहूं की फसल के दौरान सब गांव वाले मिलकर गेहूं देते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पुल न होने के कारण ग्रामीण लोग बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
6 महीने से बंद है कामग्रामीणों द्वारा पुल की लगातार मांग को देखते हुए धनोरा विधानसभा से भाजपा विधायक राजीव तरारा ने सरकार से गंगा पुल की मांग की थी. जिसे भाजपा सरकार ने 2022 के चुनाव से पहले मंजूरी भी दे दी थी. भाजपा विधायक राजीव तरारा ने निर्माण कार्य को शुरू भी करवा दिया था, जिससे क्षेत्रवासियों को लग रहा था कि जल्द ही शहर जाने की उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन पिछले 6 महीनों से पुल निर्माण का कार्य भी बंद है. ग्रामीणों ने बताया कि पुल को लेकर एक आस जगी थी, लेकिन 6 महीनों से पुल का निर्माण पूरी तरह से बन्द है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Amroha news, Chief Minister Yogi Adityanath, CM Yogi, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 18:24 IST
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