IIT कानपुर ने विकसित की कृत्रिम मांसपेशियां, चिकित्सा और रोबोटिक के क्षेत्र में होगी बेहद कारगर

admin

IIT कानपुर ने विकसित की कृत्रिम मांसपेशियां, चिकित्सा और रोबोटिक के क्षेत्र में होगी बेहद कारगर



रिपोर्ट:अखंड प्रताप सिंहकानपुर. आईआईटी कानपुर अपने शोध और तकनीक को लेकर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में एक अलग पहचान रखता है. अब आईआईटी कानपुर ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है. आईआईटी कानपुर ने विशेष जैव प्रेरित कृत्रिम मांसपेशी बनाई है. जो न सिर्फ चिकित्सा के क्षेत्र में काम आएगी बल्कि चिकित्सक रोबोटिक और स्पेस रोबोटिक्स में भी काफी मददगार साबित होगी. इस मांसपेशी का प्रयोग इंसानों के लिए कृत्रिम हाथ बनाने में भी किया जा सकेगा.जाने क्या है खासियतइस कृत्रिम मांसपेशी की बात की जाए तो इसमें टाइटेनियम और निकिल का इस्तेमाल किया गया है. तैयार की गई मांसपेशी पेनेट मसल का उपयोग कर आर्टिफिशियल हाथों, सर्जिकल रोबोट और अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रोबोट को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक की खासियत यह है कि इसके उपयोग से एक ओर जहां स्वदेशी निर्मित रोबोट ज्यादा वजन उठा पाएंगे तो वहीं 40 से 50 फ़ीसदी ऊर्जा की भी बचत होगी. इसके अलावा इसमें अन्य रोबोट की अपेक्षा काफी कम पार्ट का इस्तेमाल किया गया है. इसको एक साधारण और सहज तकनीक बनाने की कोशिश की गई है.रोबोट बनाने के खर्च में आएगी बेहद कमीरोबोटिक इंडस्ट्री की बात की जाए तो अभी रोबोट को तैयार करने में अधिक खर्चा आता है. लेकिन इस शोध के बाद आईआईटी के प्रोफेसरों का दावा है कि रोबोट को बनाने वाले खर्च में काफी कमी आएगी. आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर व सेंटर फॉर टैली मेडिसिंस एंड रोबोटिक्स के हेड प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि कई नामचीन अस्पतालों में सर्जिकल रोबोट का उपयोग किया जाता है. उनकी कीमत दो करोड़ रुपए से अधिक आती है. हम लोगों ने जिस तकनीक का इस्तेमाल कर कृत्रिम मांसपेशी बनाई है, उस टेक्नालॉजी के दम पर अगर पेनेट मसल का उपयोग कर रोबोट बनाया जाए तो यह केवल 80 लाख की कीमत में तैयार किया जा सकेगा. ऐसे में जो आमतौर पर रोबोट होते हैं उससे इसकी कीमत 3 गुना कम होगी.चिकित्सा उपकरण में आईआईटी ने किया है अनूठा कामइससे पहले भी आईआईटी कानपुर ने चिकित्सा के क्षेत्र में कई मील के पत्थर साबित किए हैं. चाहे कोरोना के समय में सस्ते वेंटिलेटर बनाना हो या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आईआईटी का हर जगह बोलबाला रहा है. अब एक बार फिर आईआईटी कानपुर की इस तकनीक से चिकित्सा ही नहीं रोबोटिक्स की इंडस्ट्री में भी काफी मदद मिलेगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 10:44 IST



Source link