नोएडा की महिला में नहीं मिला मंकी पाक्स, प्रशासन ने ली राहत की सांस

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नोएडा की महिला में नहीं मिला मंकी पाक्स, प्रशासन ने ली राहत की सांस



नोएडा. तीन दिन से बुखार, शरीर में दर्द और दाने निकलने के अलावा चेहरे पर धब्बे दिखने के बाद एक महिला को फौरन ही अस्पताल में भर्ती किया गया था. सूचना मिलने के बाद महिला के घर एम्बुलेंस (Ambulance) भेजकर उसे अस्पताल बुलाया गया था. इस घटना के बाद से नोएडा (Noida) में हड़कंप मच गया था. स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ-पैर फूल गए थे. डराने वाली बात यह भी थी कि महिला दिल्ली (Delhi) के एक स्कूल में टीचर है. अच्छी बात यह है कि मंकी पाक्स के लक्षण दिखने पर महिला ने खुद ही कंट्रोल रूम को अपनी बीमारी के बारे में सूचना दी थी. लेकिन लैब टेस्ट के दौरान महिला में मंकी पाक्स (MonkeyPox) नहीं पाया गया है. महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
नोएडा के जिला अस्पताल में बन रहा है वार्ड 
दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मंकी पाक्स को लेकर खास इंतजाम किए जा रहे हैं. नोएडा के जिला अस्पताल में एक खास वार्ड तैयार किया जा रहा है. मंकी पाक्स के केस आने पर उन्हें इसी वार्ड में भर्ती किया जाएगा. बीमारी के बारे में किसी भी तरह की सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस बारे में सावधानी बरतने और अफवाहें न फैलाने की नसीहत दे चुके हैं.
जिला अस्पताल में ही बनाया कंट्रोल रूम
एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन न होने के चलते नोएडा में आने वाले देश और विदेश के यात्रियों की जानकारी शासन स्तर से आती है. ऐसे में जानकारी मिलने में खासा वक्त लगता है. इसे देखते हुए हैल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि अभी मंकी पाक्स से बचाव का सबसे बड़ा रास्ता सावधानी ही है. इसलिए जितना हो मास्क, सैनिटाइजेशन और उचित दूरी का इस्तेमाल करें.
हैल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नोएडा सेक्टर-39 में जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग के आठवें फ्लोर पर सीएमओ कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है. सीएमओ का कहना है कि किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या और जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में कंट्रोल रूम के नोडल अफसर डा. जीके मिश्रा के मोबाइल नंबर 9675322617 और उनके सहायक दिनेश गौड़ से 9899965203 पर संपर्क कर सकते हैं.
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जानिए क्या होता है मंकी पाक्स होने पर
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती है जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द , पेशाब में कमी, बार बार बेहोश होना और दौरे पढ़ना जैसे दिक्कतें आती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिक जोखिम वाले व्यक्तियों पर मंकी पॉक्स के गम्भीर प्रभाव पड़ने की अधिक संभावना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिनकी इम्युनिटी कम हो, कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग अधिक जोखिम वाले है स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंकीपॉक्स मनुष्य से मनुष्य में  फैलाता है.

जानें मंकीपॉक्स क्या है
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था. मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Delhi news, Monkeypox, Noida newsFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 07:25 IST



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