बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी ने खुले में नमाज पढ़े जाने का जताया विरोध, कहीं ये बड़ी बात

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बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी ने खुले में नमाज पढ़े जाने का जताया विरोध, कहीं ये बड़ी बात



हाइलाइट्ससार्वजनिक स्थलों में नमाज पढ़े जाने को लेकर हिंदूवादी संगठनों में रोषनमाजियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठीअयोध्या: उत्तर प्रदेश में खुले में नमाज पढ़े जाने का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. लखनऊ से लेकर प्रयागराज, गोरखपुर में खुले में नमाज पढ़े जाने को लेकर पूरे प्रदेश में हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश है. राजनीतिक व्यक्तियों से लेकर कई धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों ने खुलकर इसका विरोध किया है. इसी कड़ी में अब खबर अयोध्या से है, जहां गोरखपुर और प्रयागराज में खुले में नमाज पढ़े जाने को लेकर काफी आक्रोश है. अयोध्या में हिंदू पक्ष के लोगों ने इसका विरोध किया है तो वहीं मुस्लिम पक्ष के लोग भी इस पर एतराज जता रहे हैं.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने खुले में नमाज पढ़े जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जब सरकारी नियम बना दिया गया है तो उस नियम का पालन करना चाहिए, साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि ऐसा कोई काम ना करें जिससे कि माहौल खराब हो. अंसारी ने कहा हम भारत में रहते हैं और हमें भारत के नियम को मानना चाहिए. जो सरकारी नियम और कानून बनाए गए हैं उसका पालन सभी धर्म के लोगों को करना चाहिए. लोग मस्जिदों में और अपने परिसर के अंदर ही नमाज पढें सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने से बचने की जरूरत है
नमाजियों को फांसी देने की मांगपूरे मसले पर राम मंदिर समर्थक अनीश खान उर्फ बबलू ने प्रयागराज में नमाज पढ़े जाने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए नमाज पढ़ने वालों को आतंकी करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जो देश का माहौल खराब करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. राम मंदिर समर्थक अनीश खान उर्फ बबलू ने प्रयागराज में नमाज पढ़ने वाले लोगों को फांसी देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो नजीर बने जिससे फिर कोई देश का कोई खराब न करे.
शरीयत का पालन करें मुसलमानरामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि नियम बनाए जरूर गए हैं लेकिन मुस्लिम समाज के लोग नियम नहीं मानते हैं. वह जहां तहां नमाज पढ़ रहे हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इनकी शरीयत में लिखा है कि मस्जिद में नमाज पढें और अगर सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़नी है तो पहले अनुमति लें और उसके बाद नमाज़ पढ़ें. आचार्य सत्येंद्र दास ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटना के लिए पूरे देश मे प्रतिबंध लगने चाहिए. साथ ही उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

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