हाइलाइट्सफिलहाल मदरसों में दाखिले के लिए अधिकतम उम्र तय करने की कोई योजना नहीं है.राज्य में 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान मिलता है. minimum age for admission to madrasas: अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार सीबीएसई और आईसीएसई जैसे विभिन्न शिक्षा बोर्डों की तर्ज पर मदरसों में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु तय करने के लिए एक समिति का गठन करेगी. कई बार माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों को मदरसों में देर से दाखिला दिलाते हैं सरकार इस प्रथा को समाप्त करना चाहती है.
मदरसों की विभिन्न कक्षाओं में दाखिले के लिए छात्र की उम्र तय करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा. फिलहाल मदरसों में दाखिले के लिए अधिकतम उम्र तय करने की कोई योजना नहीं है.
लगभग एक सप्ताह पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने मदरसों के उच्च विद्यालयों के मेधावी छात्रों को मोबाइल/टैबलेट वितरण के दौरान संवाददाताओं से कहा था कि मदरसे में छात्र रहे कई बुजुर्ग पुरस्कार लेने आए थे और यह सही नहीं था. बयान से अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार धार्मिक स्कूलों में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा तय करेगी. अंसारी ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है और सिंह के हालिया बयान को गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “धर्मपाल सिंह का मतलब था कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा सही समय पर शुरू हो और सही समय पर पूरी हो.” राज्य में 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान मिलता है. राज्य सरकार मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा पर जोर दे रही है और इसके लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है.
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