लखनऊ. कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की इंचार्ज प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने एलान कर दिया है कि यूपी विधानसभा के चुनाव (UP Assembly Election 2022) में जितनी सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी उनमें से 40 फीसदी सीटों पर महिला उम्मीद्वारों को उतारा जायेगा. इसके पीछे उन्होंने महिला सशक्तिकरण का हवाला दिया है. अब सवाल उठता है कि कांग्रेस पार्टी को ये निर्णय क्यों लेना पड़ा? विधानसभा के चुनाव में क्या इस निर्णय से उसे किसी चमत्कार की उम्मीद हो चली है? NEWS18 ने इस फैसले पर कई महिला विशेषज्ञों से बात की है जिन्हें यूपी की चुनावी राजनीतिक का गहरा अध्ययन रहा है.
चुनावी राजनीति पर शोध करने वाली लखनऊ की संस्था गिरि इन्स्टीट्यूट ऑफ डेवलॉपमेण्ट स्टडीज में असिस्टेण्ट प्रोफेसर डॉ शिल्पशिखा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा कार्ड खेला है. 40 फीसदी सीटों पर महिलाओं को उतारने के फैसले से बाकी पार्टियों पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ेगा. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी महिला वोटरों को भी अपने पाले में करना चाह रही है. अब वो जमाना नहीं रहा जब घर के मुखिया के कहने पर पूरा घर वोट करता था. अब महिलायें खुद के विवेक पर वोट करने लगी हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इस नये वोटबैंक पर कब्जा जमाना चाहती है.
नए वोटबैंक पर निशानाप्रयागराज के गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में असिस्टेण्ट प्रोफेसर डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि कांग्रेस को एक नया वोट बैंक दिखाई पड़ा है. आज की तारीख में कांग्रेस के पास अपना कोई जातिगत वोटबैंक तो है नहीं. न ही ग्रासरूट लेवेल पर काडर है. ऐसे में महिलाओं की आबादी में उसे नया वोट बैंक दिखा है. बंगाल के चुनाव के बाद इसे और धार मिली है. बंगाल में जिस तरह से ममता बनर्जी को टार्गेट किया गया उससे महिलाओं में उभरे आक्रोश को देखा गया. बीजेपी महिला वोटरों को अपने पाले में करने की पहले से कसरत कर रही है. मिशन शक्ति और उज्जवल्ला जैसी योजनायें इसी का हिस्सा हैं. अब प्रियंका गांधी को भी इस वोटबैंक में सेंधमारी आसान लग रही है.
क्या महिलाओं के सहारे पार होगी चुनावी वैतरणीअब सवाल उठता है कि क्या महिलाओं के सहारे चुनावी वैतरणी पार की जा सकती है. डॉ. शिल्पशिखा सिंह ने कहा कि सिर्फ महिला उम्मीद्वार से क्या होगा? वोट तो पार्टी के नाम पर भी पड़ता है. हां इतना जरूर है कि कुछ वोट खींचने में शायद कांग्रेस को सफलता मिल जाये. डॉ. अर्चना सिंह ने भी कहा कि महिला का नाम कई बार जाति और धर्म के उपर भी भारी पड़ जाता है. हो सकता है कि महिला सुरक्षा के नाम पर कुछ वोट प्रियंका गांधी के पाले में आ जाये.
6 करोड़ वोट बैंक की सेंधमारी की कोशिशहाल ही में खत्म हुए पंचायत के चुनाव से पहले यूपी की नयी मतदाता सूची सामने आयी थी. जनवरी में जारी सूची के अनुसार प्रदेश में कुल 14 करोड़ 66 लाख वोटर हैं. इनमें से महिला मतदाताओं की संख्या 6 करोड़ 74 लाख है. पुरुष मतदाताओं की संख्या इससे थोड़ी ही ज्यादा 7 करोड़ 92 लाख है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी 6 करोड़ वोटरों में सेंधमारी की फिराक में लग गयी है.
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