आदमखोर बाघिन ने किशोर को बनाया निवाला, दो साल में अब तक 20 लोगों का किया शिकार

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आदमखोर बाघिन ने किशोर को बनाया निवाला, दो साल में अब तक 20 लोगों का किया शिकार



रिपोर्ट: मनोज शर्मा
लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों से निकली एक बाघिन ने पिछले 2 वर्षों में अब तक 20 लोगों को अपना निवाला बनाया। आदमखोर बाघिन के चलते इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. मामला लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के खैरटिया, मजरा पूरब, नयापिंड समेत आधा दर्जन से अधिक गांव में पिछले 2 वर्ष से एक बाघिन ने आतंक फैला रखा है. रविवार रात को भी बाघिन ने पशु चराने गए एक किशोर को अपना निवाला बना लिया.
लोगों की माने तो पिछले 2 वर्षों में इस बाघिन ने 20 लोगों को अपना शिकार बनाया है. तीन दिन पहले खरेटिया गांव के राम जानकी मंदिर के महंत मोहन दास को मंदिर से खींच कर बाघिन ने अपना शिकार बना डाला और रविवार रात जानवर चरा रहे 14 वर्षीय सूरज सिंह को अपना निवाला बना लिया. लोगों का कहना है यह बाघिन लगातार पिछले 2 वर्ष से हमला कर लोगों को अपना शिकार बना रही है. ग्रामीण लगातार वन विभाग के अधिकारियों से बाघिन से निजात दिलाने की गुहार लगा रहे है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा.
बाघिन की तलाश शुरूहालांकि, बाघिन के लगातार हमले के बाद वन विभाग जागा और उस इलाके में पहुंचकर तीन हाथियों के जरिए बाघिन की तलाश में कांबिंग कराना चालू कर दिया। इलाके में वन विभाग ने 8 पिंजरे और 32 कैमरे लगाए हैं, जिससे बाघिन को आसानी से ट्रेस कर ट्रेंकुलाइज कर चिड़ियाघर भेजा जाए. वन विभाग के वाचर अजीत कुमार का कहना है इस बाघिन ने जंगल के बाहर 4 हमले किए हैं और अधिकतर हमले जंगल के अंदर किए हैं. हम लोग लगातार इस बाघिन को ट्रेस करने का काम कर रहे हैं. हाथियों की मदद से हाका लगाया जा रहा है.
ट्रेंकुलाइज करने के आदेशदुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है यह बाघिन पिछले कुछ दिनों से हिंसक होती जा रही है. अब लगता है इसको आदमी की मांस खाने की आदत पड़ गई है. प्रमुख वन्य जीव प्रतिपालक ने इसको ट्रेंकुलाइज करने के आदेश दे दिए हैं. स्पेशलिस्ट टीम बुला ली गई है. जल्द से जल्द इस बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर लोगों को इस के आतंक से छुटकारा दिलाया जाएगा. तब तक इलाके के लोगों से अनुरोध है कि वह घर से तभी बाहर निकले जब बहुत ही जरूरी काम हो. जब घर से बाहर जाएं तो झुंड बनाकर घर से निकले और आवाज करते हुए निकले, जिससे बाघिन के हमले से बचा जा सके.
2 वर्ष में बाघिन के शिकार हुए लोगों की लिस्ट1-6 सितंबर 2020 को ज्ञान सिंह (65) निवासी दलराजपुर, 8 सितंबर 2020 को प्यारेलाल (60) पुत्र इतवारी निवासी मझरा, 24 अक्टूबर 2020 को अवधेश यादव (28) पुत्र बद्दल, निवासी मझरा, 5 जनवरी 2021 को प्रीतम (35), निवासी खमरिया कोइलार, सरजीत सिंह पुत्र गुरदीप सिंह, निवासी दलराजपुर, बहोरी यादव (55), निवासी मझरा, मुंशी (60), निवासी बरसोला कलां, अज्ञात महिला (मानसिक विक्षिप्त), ओमप्रकाश दुमेड़ा, शिवकुमार (40), निवासी दुमेड़ा, ओमप्रकाश पुत्र रामजीवन मझरा पूरब, राममूर्ति (45) पुत्र बिरजू निवासी दुमेड़ा, इंद्रजीत (39) पुत्र मुरली चौधरी मझरा पूरब, महेश (30), निवासी दुमेड़ा मझरा पूरब, रामपाल, बिसन सिंह, मोहनदास (52) खैरटिया बाबा कुटी और सूरज.
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