प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना-हिंडन नदी बाढ़ क्षेत्र में नोएडा के प्रस्तावित ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सैकड़ाें लोगों ने राहत की सांस ली है जिनके निर्माण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जद में आ रहे थे. कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के साथ ही आदेश दिया कि नोएडा के स्थानीय लोगों की आपत्तियों को तय किया जाए. प्रभावित होने वाले लोगों को नोएडा प्राधिकरण के समक्ष 10 दिन के भीतर आपत्ति प्रस्तुत करने का दिया निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने आपत्ति के निस्तारण तक मौके पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट में हरित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल व अन्य लोगों ने प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई थी. इन याचिकाओं में नोएडा प्राधिकरण के 8 जून 2022 के पब्लिक नोटिस को चुनौती दी गई थी.उल्लेखनीय है कि बाढ़ क्षेत्र में आने वाले करीब 1 हजार से ज्यादा फार्म हाउसों को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया था. इस दौरान प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए कुछ निर्माण भी ध्वस्त किए थे. जिसके बाद से ही लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया था. नोटिस में प्राधिकरण ने कहा था कि यमुना हिंडन बाढ़ मैदानों में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं है और उस पर किए गए सभी निर्माण अवैध हैं, उन्हें जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा.लोगों को राहतऐसे में बाढ़ क्षेत्र में निर्माण कर रह रहे लोगों को बड़ी राहत इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली है. नोएडा प्राधिकरण की तरफ से चलाई जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के चलते क्षेत्र में रह रहे लोगों में खौफ था और कुछ निर्माण के ध्वस्त कर देने के बाद से ही लोग घबराए हुए थे. इस मामले को लेकर लगातार लोग नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ थे और इसी के चलते लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय मांगा था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 16, 2022, 23:26 IST
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