नोएडा. यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर घायलों को तुरंत इलाज देने और एक्सीडेंट (Accident) में होने वाली मौतों के आंकड़े को कम करने की कोशिश तेज हो गई हैं. जल्द ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ ट्रामा सेंटर (Trauma Center) बनाया जाएगा. इसमे से एक ट्रामा सेंटर प्राइवेट तो दूसरा सरकारी होगा. जेवर में यूपी सरकार की ओर से जुलाई में ट्रामा सेंटर का काम शुरू होने की उम्मीद है. जेवर के विधायक का दावा है कि जुलाई में काम शुरू होकर जुलाई 2023 तक ट्रामा सेंटर का काम पूरा कर लिया जाएगा. गौरतलब रहे यमुना एक्सप्रेसवे पर एम्बुलेंस (Ambulance) और पुलिस (Police) पिकेट की गाड़ियों की संख्या बढ़ा दी गई है.
इसलिए यमुना एक्सप्रेसवे पर जरूरत पड़ी ट्रामा सेंटर की
बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि जेवर और उसके आसपास बहुत तेजी से रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डवलपमेंट हो रहा है. इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिंटी भी बन रही है. ऐसे में इमरजैंसी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत भी होगी. और फिर यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज छोटे या बड़े एक्सीडेंट होते हैं. एक्सीडेंट में बहुत से लोगों की जान तो सिर्फ इसलिए ही चली जाती है कि वक्त रहते उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है.
एक्सप्रेस वे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है. लेकिन उसके किनारे कोई अस्पताल नहीं है. इसे खासतौर से ध्यान में रखते हुए ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई थी. हालांकि नियमों के मुताबिक जेपी कंपनी को एक्सप्रेस वे के किनारे अस्पताल का निर्माण कराना था, लेकिन उसने नोएडा में अंदर जाकर अपना अस्पताल बनाया, जिसका फायदा एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट का शिकार होने वाले लोगों को नहीं मिल पाता है.
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यमुना एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट के यह हैं आंकड़े
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन को आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे पर जनवरी 2017 तक करीब 4505 हादसे हुए, जिसमें करीब 626 लोगों की मौत हो चुकी है. साल दर साल यहां पर होने वाले हादसों में तेजी देखने को मिल रही है. 2015 की तुलना में एक्सप्रेस वे पर 2016 में 30 फीसद हादसे ज्यादा हुए थे. 2016 में एक्सप्रेसवे पर करीब 1193 एक्सीडेंट की घटनाएं हुईं थीं. इनमें करीब 128 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2015 में यहां 919 हादसे हुए थे जिसमें 143 लोगों की मौत हो गई थी.
2013 की बात करें तो यहां 896 हादसे हुए जिसमें 118 लोगों की मौत हो गई थी. 2014 में इस एक्सप्रेस वे पर 771 हादसे हादसे हुए जिसमें 127 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. अगस्त 2012 में जब इस एक्सप्रेस को जनता के सुपुर्द किया गया था तब ही यहां दिसंबर 2012 तक करीब 294 हादसे हुए थे जिसमें 33 लोगों की जान चली गई थी.
6 से 12 हो जाएगी एम्बुलेंस की संख्या
नोएडा से लेकर आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे पर अभी एम्बुलेंस की संख्या सिर्फ 6 है. लेकिन नए प्लान के तहत एम्बुलेंस की संख्या 6 से बढ़ाकर अब 12 की जाएंगी. जिससे एक्सीडेंट में घायल होने वालों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके. वहीं जल्द ही एक्सप्रेसवे पर 14 की जगह 28 पीसीआर पेट्रोलिंग करेंगी. इससे घायलों को बड़ी मदद मिलेगी. इतना ही नहीं एक्सप्रेसवे की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 4 नए पुलिस स्टेशन भी खोले जा रहे हैं. सभी नए पुलिस स्टेशन गौतम बुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे खोले जाएंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Accident, Jewar, Noida news, Yamuna ExpresswayFIRST PUBLISHED : June 14, 2022, 10:08 IST
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