आगरा. ताजनगरी आगरा को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम द्वारा वो सभी काम किया जा दे है, जिससे कि शहर में पड़ा हुआ कूड़ा उठाया जा सके. इसी कड़ी में नगर निगम ने करीब 1.5 करोड़ रुपए के रिक्शे मंगवाए थे, लेकिन वह रिक्शे किसी काम में नही आ रहे है और उनको वार्डों के कार्यालय में और निगम के वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया, और अब वह रिक्शे खड़े खड़े कबाड़ हो गए और कुछ रिक्शे गल गए हैं.
14 करोड़ के डस्टबिन और 1.5 करोड़ के खरीदे रिक्शेनगर निगम ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की शुरुआत की थी, जिसके लिए करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करके डस्टबिन खरीदे गए थे और 1.5 करोड़ रुपये के हाथ से चलाने वाले रिक्शे. डस्टबिन का शहर में वार्डों के हिसाब से वितरण किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे वह डस्टबिन भी शहर से गायब हो गए और हाथ रिक्शे भी खड़े-खड़े गल गए हैं. कुछ रिक्शे वार्डों में खड़े हैं, तो कुछ नगर निगम के एमएनटी वर्कशॉप में धूल फॉक रहे हैं. उन रिक्शों को किसी काम में नही लिया जा रहा है.
1500 रिक्शे छह डस्टबिन वाले और एक हजार जाली वाले खरीदे थेनगर निगम ने शहर से कूड़ा उठाने के लिए करीब 1500 रिक्शे ऐसे खरीदे थे, जिसमें छह डस्टबिन लगे हुए थे. एक रिक्शे में छह डस्टबिन लगवाए गए थे, वह सभी डस्टबिन अलग-अलग कूड़े के लिए थे. वहीं एक हजार रिक्शे ऐसे खरीदे गए थे जो कि जाली वाले थे. इन जाली वाले रिक्शे को भी अलग से डिजाइन करके बनवाया गया था. हालांकि अब हालात यह है कि यह सभी रिक्शे वार्डों में और निगम के एमएनटी वर्कशॉप में गल रहे हैं. जब इन रिक्शों पर सवाल उठे तो अधिकारियों के द्वारा सभी वार्डों में 10-10 रिक्शे भेज दिए गए, लेकिन अब भी यह रिक्शे वार्डो के कार्यालय में गल रहे हैं.
अब रिक्शों में लगाए जाएंगे लकड़ी के फट्टेनगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि जो रिक्शे खरीदे गए थे, उनको प्रयोग में लाने के लिए जालियों को हटाकर लकड़ी के फट्टे लगाए जा रहे हैं, जिससे कि वे रिक्शे खराब न हों और उनको इस्तेमाल में लाया जा सके. अभी तक करीब 200 रिक्शों में लकड़ी के फट्टे लगा दिए हैं.
ताजनगरी आगरा को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम द्वारा वो सभी काम किया जा दे है, जिससे कि शहर में पड़ा हुआ कूड़ा उठाया जा सके. इसी कड़ी में नगर निगम ने करीब 1.5 करोड़ रुपए के रिक्शे मंगवाए थे, लेकिन वह रिक्शे किसी काम में नही आ रहे है और उनको वार्डों के कार्यालय में और निगम के वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया, और अब वह रिक्शे खड़े खड़े कबाड़ हो गए और कुछ रिक्शे गल गए हैं.
14 करोड़ के डस्टबिन और 1.5 करोड़ के खरीदे रिक्शेनगर निगम ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की शुरुआत की थी, जिसके लिए करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करके डस्टबिन खरीदे गए थे और 1.5 करोड़ रुपये के हाथ से चलाने वाले रिक्शे. डस्टबिन का शहर में वार्डों के हिसाब से वितरण किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे वह डस्टबिन भी शहर से गायब हो गए और हाथ रिक्शे भी खड़े-खड़े गल गए हैं. कुछ रिक्शे वार्डों में खड़े हैं, तो कुछ नगर निगम के एमएनटी वर्कशॉप में धूल फॉक रहे हैं. उन रिक्शों को किसी काम में नही लिया जा रहा है.
1500 रिक्शे छह डस्टबिन वाले और एक हजार जाली वाले खरीदे थेनगर निगम ने शहर से कूड़ा उठाने के लिए करीब 1500 रिक्शे ऐसे खरीदे थे, जिसमें छह डस्टबिन लगे हुए थे. एक रिक्शे में छह डस्टबिन लगवाए गए थे, वह सभी डस्टबिन अलग-अलग कूड़े के लिए थे. वहीं एक हजार रिक्शे ऐसे खरीदे गए थे जो कि जाली वाले थे. इन जाली वाले रिक्शे को भी अलग से डिजाइन करके बनवाया गया था. हालांकि अब हालात यह है कि यह सभी रिक्शे वार्डों में और निगम के एमएनटी वर्कशॉप में गल रहे हैं. जब इन रिक्शों पर सवाल उठे तो अधिकारियों के द्वारा सभी वार्डों में 10-10 रिक्शे भेज दिए गए, लेकिन अब भी यह रिक्शे वार्डो के कार्यालय में गल रहे हैं.
अब रिक्शों में लगाए जाएंगे लकड़ी के फट्टेनगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि जो रिक्शे खरीदे गए थे, उनको प्रयोग में लाने के लिए जालियों को हटाकर लकड़ी के फट्टे लगाए जा रहे हैं, जिससे कि वे रिक्शे खराब न हों और उनको इस्तेमाल में लाया जा सके. अभी तक करीब 200 रिक्शों में लकड़ी के फट्टे लगा दिए हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Agra news, GarbageFIRST PUBLISHED : June 12, 2022, 14:58 IST
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