राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति की एक अवधारणा रही है कि एक प्रेस होगा, लेकिन आज देखने को मिला कि गीता प्रेस सिर्फ प्रेस नहीं है, साहित्य का एक मंदिर है. सनातन धर्म को बचाये रखने में हमारे मंदिरों, तीर्थ स्थलों का जितना योगदान है, उतना ही योगदान गीता प्रेस से प्रकाशित साहित्य का है.’
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