यूपी राज्यसभा चुनाव: कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजकर अखिलेश ने बनाई नई रणनीति

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यूपी राज्यसभा चुनाव: कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजकर अखिलेश ने बनाई नई रणनीति



उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सीटों के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने तीनों कैंडिडेट के नाम घोषित कर दिए. समाजवादी पार्टा के पास तीन राज्यसभा सीटें पाने की गुंजाइश है। उन सीटों के लिये तीन नाम डिंपल यादव, जावेद खान औऱ कपिल सिब्बल का दिया है. जावेद खान पहले भी समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सांसद रहे है और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी भी लोकसभा से सांसद रह चुकी है. लेकिन कपिल सिब्बल के नाम का समर्थन करना चौकानेवाला है.  कपिल सिब्बल कांग्रेस की केंद्र सरकार मे मंत्री रह चुके है और कांग्रेस से दशको पुराना नाता रहा है. ऐसे में बडा सवाल ये है कि आखिरकार समाजवादी पार्टी ने कपिल सिब्बल को इतनी अहमियत क्यों दी. ये सब इतने गुपचुप तरीके से किया गया कि कपिल सिब्बल ने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और किसी को इस बारे में पता भी नही चला। कपिल सिब्बल ने राज्यसभा का नामांकन करने के दौरान खुद अपने कांग्रेस छोडने की बात की तस्दीक की।
कपिल सिब्बल के जरिये मुस्लिमों को साधने की कोशिश या आजमखान हैं वजह?
दरअसल कपिल सिब्बल के समाजवादी पार्टी में जाने की कई अहम वजहें है. नेता के अलावा कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील हैं.कई राष्ट्रीय स्तर के मुद्दो की उन्होने सुप्रीम कोर्ट पैरवी की है. खासतौर पर मुस्लिम समाज से जुडे हुये मुद्दो को लेकर. लिहाजा मुस्लिम वोटर्स को भरोसा दिलाने के लिहाज से भी कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी के लिये काम के नेता है.  मुस्लिमों के कई संगठन कपिल सिब्बल के जरिये बडे मुद्दों की पैरवी करवाते रहे है. इन मामलों में सीएए- एनआरसी, तीन तलाक का मामला, हिजाब का मामला और बुलडोजर का मामला शामिल है. इन मामलों में न सिर्फ कपिल सिब्बल ने मुस्लिम समाज के संगठनों की तरफ से अदालत ने पैरवी की बल्कि कई मामलों में राहत भी दिलवाई. ताजा मामला समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से जुड़ा हुआ है जिसमें कपिल सिब्बल ने 27 महीनों की कैद के बाद आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिलवाई है.
कपिल सिब्बल के नाम पर आजमखान भी हुये राजी
आजम खान के मामले की वजह से इसे ऐसे भी जोड़कर देखा जा रहा है कि आजम खान जैसे नेता को जमानत दिलवाने के इनाम के रूप में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. साथ ही साथ आजम खान को भी यह संदेश देने की कोशिश की है उनकी रिहाई के लिए उन्होंने कितने प्रयास किए हैं और मजबूती का साथ उनके साथ खडे हैं. सपा नेता आजम खान का मामला दिनों-दिन पेचीदा होता जा रहा था. उनके खिलाफ धोखाधडी और फर्जीवाडे के 80 मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. यहां तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर लंबे समय से फैसला भी सुरक्षित रखा हुआ था. ऐसे में कपिल सिब्बल उनके लिए मसीहा बनके सामने आये और सुप्रीम कोर्ट से उनको जमानत दिलाने में कामयाबी हासिल की. आजम खान ने भी जेल से निकलने के बाद कपिल सिब्बल की तारीफ की और कहा कि उनके पास शब्द नहीं है कि कैसे वह कपिल सिब्बल का शुक्रिया अदा करें. कपिल सिब्बल के राज्यसभा जाने की चर्चाएं पहले ही शुरू हो गई थी और इस सवाल पर भी आजम खान ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि आजम खान की जमानत से पहले 16 मई को कपिल सिब्बल कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके थे और यह बात उन्होंने खुद राज्यसभा के लिए नामांकन के दौरान कही. माना यह जा रहा है कि अखिलेश यादव ने कपिल सिब्बल के रूप में अपने पास एक ऐसा मोहरा तैयार किया है जिसके जरिये वह आने वाले वक्त में यह बता सके कि मुस्लिम समाज के तमाम मुकदमों की पैरवी में उनके साथ हैं. यानी कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम समाज के साथ सहानुभूति रखती है, और आगे भी कानूनी दांवपेच के लिए कपिल सिब्बल के जरिए उनके सपोर्ट में खडी रहेगी.
जेल से निकलने के बाद आजम रहेंगे अखिलेश के साथ या होगा मोहभंग? 
कपिल सिब्बल ने राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है और समाजवादी पार्टी ने उनको समर्थन दिया है. इसके जरिए समाजवादी पार्टी में मुस्लिम समाज को साधने और आजम खान के साथ मजबूती के साथ खड़े होने का भी एहसास कराया है. हालांकि आजम खान जेल से रिहा होने के बाद भी अखिलेश यादव से कुछ अनमने से नजर आते हैं. इसी के चलते ये भी देखने को मिला कि विधानसभा में अखिलेश यादव ने उनके लिए एक कुर्सी अपने पास खाली छोड़ी फिर भी आजम खान विधानसभा में शपथ लेने के बाद वहां रुकने की जगह पर अपने विधानसभा क्षेत्र रामपुर चले गए. इसके अलावा आजम खान ने हाल के दिनों में शिवपाल यादव के साथ मुलाकातों के बाद इस बात का भी इशारा किया कि वह पिछले करीब दो साल में जो भी हुआ है उसको लेकर वे नाखुश हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी की आजम खान को कपिल सिब्बल के जरिए साधने की कोशिश कितनी कामयाब होगी यह वक्त बताएगा. क्योंकि माना यह भी जा रहा है समाजवादी पार्टी से नाराज शिवपाल यादव और आजम खान आने वाले दिनों में कुछ नया धमाका करने की तैयारी कर रहे हैं.

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