कल्याणी देवी धामप्रयागराज स्थित कल्याणी देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माता सती की हाथ की उंगलियां गिरी थी.आस्था नगरी यानी प्रयागराज में मौजूद है 51 शक्तिपीठों में से एक कल्याणी देवी का मंदिर. यह वह स्थान है जहां माता सती के हाथों की तीन उंगलियां गिरी थी. यहां मौजूद माता की अष्टधातु की मूर्ति लगभग 1500 साल पुरानी है. सिद्धपीठ तथा शक्तिपीठ होने के कारण यहां भक्त हर वक्त आस्था के साथ माता के दर्शन को पहुंचते हैं .मंदिर के अध्यक्ष पंडित सुशील कुमार पाठक बताते हैं कि त्रेता युग में महर्षि याज्ञवल्क्य ने भी इस स्थान पर मां की आराधना की थी.वह कहते हैं कि पुराणों में उल्लेख मिलता है कि माता सती की तीन उंगलियां गिरने के कारण यह स्थान शक्तिपीठ बन गया और लोगों की यहां आस्था के साथ पहुंचने लगे.
मंदिर में मौजूद मनोकामना कुंड करता है सबकी इच्छाएं पूरीमंदिर परिसर में मौजूद है एक मनोकामना कुंड. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से अपनी मनोकामना यह मांगता है, उसे देवी मां पूरी करती है. साथ ही यहां मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक संस्कार साल भर कराए जाते हैं. यहां भगवान श्री राम भी सपरिवार सहित विराजमान है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां दोनों नवरात्रि और होली के बाद अष्टमी में एक भव्य और बड़ा मेला लगता है.
(रिपोर्ट- प्राची शर्मा)पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.Navratri 2021 Prayagraj News
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