गोरखपुर. प्रतिवर्ष विजयादशमी (vijayadashmi) के अवसर पर निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर की परंपरागत शोभायात्रा सामाजिक समसरता के लिए खास महत्व रखती है. इस शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम व बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है.
गोरक्षपीठ ने कभी भी किसी को जाति या मजहब के चश्मे से नहीं देखा. दशहरे के दिन गोरखनाथ मंदिर की विजयादशमी शोभायात्रा का इंतजार तो पूरे शहर को होता है, लेकिन सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों में दिखता है जो मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर घण्टों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत को खड़े रहते हैं. गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब यहां रुकता है तो सामाजिक समरसता की वह तस्वीर विहंगम होती है.
परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी. पीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे. तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी. यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी. यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे. इसके साथ ही प्रभु राम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी. विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे. विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा.
गोरक्षपीठ में विजयादशमी का दिन एक और मायने में भी खास होता है. इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं गोरक्षपीठाधीश्वर. नाथपंथ की परम्परा के अनुसार हर वर्ष विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है. मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं. इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं. गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है. इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के आपसी विवाद सुलझाते हैं. विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं. पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
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