अगर आप कम और सेहतमंद खाना खा रहे हैं तो आपका जीवन लंबा और स्वस्थ गुजरेगा. लेकिन अगर आप ज्यादा खाना खा रहे हैं तो आपके बीमार होने का खतरा बना रहता है. डॉक्टरों की इस राय के बावजूद भारत में लोग जरुरत से ज्यादा खा रहे हैं, बीमार हो रहे हैं और खाने की बर्बादी भी कर रहे हैं. यूएन की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 8 करोड़ टन खाना यानी प्रति व्यक्ति 55 किलो बर्बाद हो रहा है. इसी देश में जहां कई लोग रोज भूखे सो रहे हों, वहां ये खाने की बर्बादी के आंकड़े शर्मनाक हैं. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत जैसे देश हों या अमीर देश – सब तरफ एक ही हाल है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नई रिपोर्ट ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2024’ की नई रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 73 करोड़ लोग बिना खाए सो रहे थे. 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 78 करोड़ हो गया है. 2022 में भारत में प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना बर्बाद हो रहा था. 2023 में भारत में प्रति व्यक्ति 55 किलो खाना बर्बाद हो रहा है. एक ओर भूखे लोगों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी और खाने की बर्बादी बढ़ रही है.दुनिया भर में क्या है हाल?दुनिया का हर इंसान औसतन 79 किलो खाना एक साल में बर्बाद कर देता है. दुनिया में जितना खाना बर्बाद हो रहा है वो कुल खेती का 30 प्रतिशत है और एक भूखे इंसान को लगभग डेढ वक्त का खाना मिल सकता है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसानों की 30 प्रतिशत मेहनत हर साल बेकार हो जाती है.
कौन करता है खाने की बर्बादी61% भोजन घरों में, 23% फूड सर्विस (यानी रेस्टोरेंट) में और 13% रिटेल चेन यानी सप्लाई के दौरान, स्टोरेज या दुकानों में बर्बाद हो रहा है. एशियाई देशों में सालाना प्रति व्यक्ति खाने की बर्बादी कुछ इस तरह है-* भारत 55 किलो* पाकिस्तान 130 किलो* अफगानिस्तान 127 किलो* बांग्लादेश 82 किलो* भूटान 19 किलो
रिपोर्ट के मुताबिक लोग जरुरत से ज्यादा खाना खरीद रहे है जिसमें से बहुत सा एक्सपायरी डेट की वजह से फेंक दिया जाता है. आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 19 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें रोज तीन वक्त का भरपेट खाना नहीं मिलता. 14 करोड़ लोग रात में भूखे पेट सो रहे हैं.ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 125 देशों में भारत 111 स्थान पर है. लेकिन खाने की बर्बादी कम होने की जगह बढ़ रही है.
एक अनुमान के मुताबिक भारत में खाने की बर्बादी रोककर 68 करोड़ रुपये, 10 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन और किसानों की मेहनत बचाई जा सकती है. यूएन की ही दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या 16.6% है. इसके अलावा, छोटे कद के बच्चे 31.7% और ज्यादा वजन के बच्चे 2.8% हैं. वहीं, भारत में 76% लोगों को सेहतमंद खाना नसीब नहीं होता.