700 विकेट लेने के बाद सामने आया अश्विन का पहला रिएक्शन, क्रिकेट जगत को अपने बयान से कर दिया हैरान

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IND vs WI, 1st Test Highlights: भारतीय टीम के स्टार ऑफ स्पिनर का कहना है कि लगातार बेहतर करने की ललक ने उन्हें नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है, लेकिन यह सफर उनके लिए काफी थकाने वाला रहा है. अश्विन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ बुधवार को दो मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के शुरुआती दिन 60 रन देकर पांच विकेट झटके जिसकी बदौलत भारत ने मेजबान टीम को पहली पारी में महज 150 रन पर समेट दिया. अश्विन ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट क्रिकेट (टेस्ट, वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय में मिला कर) में 700 विकेट पूरे किए. वह अनिल कुंबले (956) और हरभजन सिंह (711) के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बन गए.
700 विकेट लेने के बाद अश्विन का पहला रिएक्शनपहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद अश्विन से जब इंटरनेशनल क्रिकेट की लंबी यात्रा और इस दौरान हुए उतार चढ़ाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इस दुनिया में कोई भी क्रिकेटर या इंसान ऐसा नहीं है जो इस तरह के उतार चढ़ाव से नहीं गुजरा हो. जब आप असफलता के दौर से गुजरते हो तो आपके पास दो विकल्प होते हैं, या तो उदास हो जाओ, इसके बारे में बात करो और फिर शिकायत करते हुए निराश हो जाओ या फिर इससे सीख हासिल करो. इसलिए मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो लगातार इन चीजों से सीख लेता रहता है.’
क्रिकेट जगत को अपने बयान से कर दिया हैरान  
अश्विन ने कहा, ‘बल्कि आज (अपने अच्छे प्रदर्शन पर) मैं अपने अच्छे दिन पर सबसे अच्छी चीज यही करूंगा कि मैं अच्छा खाना खाऊंगा, अच्छी बातें करूंगा, अपने परिवार से बात करूंगा, बिस्तर पर जाऊंगा और इन सबके बारे में भूल जाऊंगा. जब आपका अच्छा दिन होता है तो आप जानते हो कि आपके लिए दिन अच्छा रहा, लेकिन ऐसी भी चीजें होती हैं जिन पर आप काम कर सकते हो और कल इन्हें बेहतर कर सकते हो. उत्कृष्टता की लगातार खोज करने ने ही मुझे अच्छी लय में बनाए रखा हुआ है, लेकिन यह काफी थकाने वाला भी रहा है.’
निकाली अपने अंदर की भड़ास 
अश्विन ने कहा, ‘यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा है. मेरे लिए यह यात्रा काफी थकाने वाली रही है, लेकिन मैं उन सभी असफलताओं का बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूं क्योंकि इनके बिना सफलता नहीं मिल पातीं.’ हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में उन्हें Playing 11 में नहीं रखा गया था, जिससे वह काफी निराश थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने इसके बारे में बात की है. यह किसी भी क्रिकेटर के लिए काफी मुश्किल होता है जब आपके पास डब्ल्यूटीसी फाइनल में खेलने का मौका हो लेकिन अंत में बाहर बैठना पड़े, लेकिन अगर मैं ड्रेसिंग रूम में निराशा में बैठा रहूं तो मुझमें और एक अन्य व्यक्ति में क्या अंतर होगा.’



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