Last Updated:March 12, 2025, 20:14 ISTWho is SSP Manikant Mishra : ऊधमसिंह नगर के SSP मणिकांत मिश्रा रविवार रात दो बजे 70 गाड़ियों में करीब 300 पुलिसकर्मियों की टीम के साथ बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना के अगरासपुर गांव में छापेमारी के लिए पहुंचे. पू…और पढ़ेंउधम सिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने 300 पुलिस जवानों के साथ बरेली में की छापेमारी, पकड़ में नहीं आए मुख्य आरोपी..बरेली. उधम सिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा 70 गाड़ियों में 300 पुलिस जवानों को लेकर उत्तर प्रदेश के बरेली में पहुंचे. रात में ड्रग्स माफियाओं के घर पर छापेमारी की. उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान 25 ड्रग्स माफियाओं को गिरफ्तार भी किया लेकिन साक्ष्यों के अभाव में 15 लोगों को छोड़ दिया. उत्तरराखंड पुलिस ने रात में बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी के अगरासपुर गांव पहुंचकर करीब 3 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस को कुख्यात ड्रग्स माफिया शाहिद उर्फ कल्लू डॉन, उस्मान, रिफाकत, इशाकत और नन्हे लंगड़ा की तलाश थी. पुलिस ने इनके घरों में छापेमारी भी की लेकिन सभी आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आए.
बॉलीवुड फिल्म की तरह उत्तराखंड के चार IPS और 300 पुलिसकर्मियों ने पूरे गांव को घेरा. एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छापेमारी के लाइव वीडियो फुटेज भी जारी किए.
उत्तराखंड पुलिस को सूचना मिली कि बरेली के ड्रग्स माफिया नशीले पदार्थों को उत्तराखंड में बेचते हैं. उत्तराखंड डीजीपी ने अपराधियों को पकड़ने की जिम्मेदारी एसपी मणिकांत मिश्रा को दी. मिश्रा 300 पुलिसकर्मियों की एक टीम लेकर पहुंचे. ऑपरेशन को इतना गोपनीय रखा गया कि लोकल पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी.
ऊधमसिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा की कार्रवाई बेहद कमजोर इनपुट के आधार पर हुई. बड़े ड्रग्स माफिया पुलिस की पकड़ में नहीं आए. मादक पदार्थों की बरामदगी भी नहीं हुई. बताया जा रहा है कि बरेली में पिछले कुछ वर्षों में ताबड़तोड़ एक्शन हुए हैं. ऐसे में तस्करों ने उत्तराखंड में ही ठिकाना बना लिया है. तस्कर रिफाकत को दो जनवरी को रुद्रपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसकी पत्नी रेशमा काशीपुर की रहने वाली थी. रिफाकत ने वहीं आशियाना बना लिया. उसके परिवार के इशाकत, शराफत हुसैन और मोनिस अंसारी भी उत्तराखंड में ही डेरा जमाकर रह रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस ड्रग पैडलर पिता-पुत्र को पकड़ने फतेहगंज कस्बे में आई थी लेकिन उत्तराखंड पुलिस के घर पर पहुंचने से पहले दोनों भाग गए. उत्तराखंड पुलिस ने स्थानीय पुलिस से इनपुट शेयर नहीं किया था.उत्तराखंड पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा था, पुलभट्टा थाने ले जाकर जब आपराधिक इतिहास खंगाला तो शून्य मिला. ऐसे में किरकिरी से बचने के लिए रात में ही निर्दोष लोगों को छोड़ दिया गया.
इधर, बरेली एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कार्रवाई से स्थानीय पुलिस को अवगत कराना बेहद जरूरी था. अगरासपुर मुस्लिम बाहुल्य गांव है. सहरी के समय रेड से कोई भी बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
Location :Bareilly,Uttar PradeshFirst Published :March 12, 2025, 20:14 ISThomeuttar-pradesh70 गाड़ियां, पुलिस के 300 जवान, छापेमारी में कैसे चूक गए SSP मणिकांत मिश्रा?