7 women from aligarh will go on haj without mehram for the first time

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7 women from aligarh will go on haj without mehram for the first time



रिपोर्ट : वसीम अहमद

अलीगढ़: इस साल अलीगढ़ जिले से सबसे पहले 7 मेहरम महिलाएं हज के लिए रवाना होंगी, हज महिलाओं ने भारत की हज कमेटी की नई नीति का स्वागत किया है. जिसमें 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम के यात्रा करने की अनुमति दी गई है.

हज का महीना इस्लामिक वर्ष का आखिरी महीना होता है. जिसमें हज किया जाता है, जो इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. ईद-उल-अधा हर साल हज की 10 तारीख को मनाई जाती है. इस दिन मुसलमान भी अल्लाह के हुक्म से इब्राहीम की सुन्नत को पूरा कर जानवरों की कुर्बानी देते हैं.

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इस्लाम में हज के महीने में मुसलमानों को इबादत और कुर्बानी की दो प्रमुख क्रियाएं दी गई हैं. हर साल हज के लिए दुनिया भर से मुसलमान हरम शरीफ में हज करने आते हैं इसके अलावा, हज से पहले या बाद में, वे आखिरी पैगंबर, पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) के उपवास में शामिल होते हैं, पैगंबर की मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और अपने-अपने घरों को लौट जाते हैं.

हर साल बड़ी संख्या में मुसलमान भारत से हज के लिए निकलते हैं, मेहरम के साथ महिलाएं हज के लिए जाती थीं (जिनसे महिला का पर्दा नहीं होता) लेकिन 45 साल से हज कमेटी ऑफ इंडिया की नई नीति के तहत बुजुर्ग महिलाओं को मंजूरी दी गई है मुहर्रम के बिना हज के लिए, जिसका इस साल अलीगढ़ जिले से बिना मेहरम के हज पर जाने वाली महिलाओं ने स्वागत किया है.

बिना मेहरम के जिला अलीगढ़ से पहली बार हज पर जा रही महिलाओं का कहना है, ‘सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. यह निश्चित रूप से उन महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है, जो किसी कारण से या उन महिलाओं से तलाक ले चुकी हैं. जो महिलाएं हज पर जाना चाहती हैं, वे अब आसानी से हज पर जा सकती हैं.

हज की मुबारक यात्रा

अलीगढ़ जिले के साथ ही इस साल बिना मेहरम के भी महिलाएं हज के लिए रवाना होंगी और छह और महिलाएं जाने की इच्छुक हैं, हज यात्रा के लिए आवेदन की तिथि 10 मार्च है.

बिना मेहरम के हज के लिए निकली खुशनसीब नाम की महिला ने खुशी जाहिर करते हुए सरकार का शुक्रिया अदा किया और कहा कि मेरे पिता का देहांत 2018 में हो गया था. बिना मेहरम के हज पर जाने का फैसला भी तलाकशुदा महिलाओं के हक में है.

तलत इमरान नाम की महिला ने कहा, “मेरे पति की 2005 में मृत्यु हो गई थी, मैं अपने बच्चों के साथ अकेली रहती हूं और खुशी की बात यह है कि अब जिन महिलाओं को मेहरम नहीं है, वे आसानी से हज यात्रा पर जा सकती हैं. अब इंशाअल्लाह, वह भी जाएंगी इस साल हज पर”

महिलाओं को नहीं होगी परेशानी

अलीगढ़ जिले के हज ट्रेनर मोहम्मद शाकिर ने बताया कि मेहरम के बिना अलीगढ़ से हज की शुभ यात्रा पर जाने की मंजूरी के बाद अलीगढ़ जिले की महिलाओं का एक जत्था तैयार किया गया है और करीब छह और महिलाएं इच्छुक हैं. हज के दौरान चार महिलाएं एक कमरे में रहेंगी और इंशाअल्लाह बिना मेहरम के हज के दौरान इन महिलाओं को कोई दिक्कत नहीं होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Aligarh news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : March 10, 2023, 21:25 IST



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