03 अशोक ने लखनऊ में छोटी सी दुकान से काम शुरू किया, जो आज विशाल वृक्ष की तरह बढ़ गया है. उनके पास गुडूचि, अमृता, असगंध, शतावर, आमलकी, यष्टिमधु, कुंवारपाठा जैसी तमाम दुर्लभ जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं.
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03 अशोक ने लखनऊ में छोटी सी दुकान से काम शुरू किया, जो आज विशाल वृक्ष की तरह बढ़ गया है. उनके पास गुडूचि, अमृता, असगंध, शतावर, आमलकी, यष्टिमधु, कुंवारपाठा जैसी तमाम दुर्लभ जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं.
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