आम लोग कैंसर की बीमारी को जीवन का अंत समझते हैं. क्योंकि कैंसर होने के बाद आमतौर पर बहुत कम लोग ही जिंदा बच पाते हैं. लेकिन इसका कारण केवल कैंसर का जानलेवा होना ही नहीं बल्कि इसके इलाज में देरी होना भी है. यह तब होता है, जब शुरुआती स्टेज पर कैंसर की पहचान नहीं की जाती है.
आपसे यह गलती न हो इसके लिए आप ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं. हाल के वर्षों में, वैज्ञानिकों ने ऐसे ब्लड टेस्ट विकसित किए हैं, जो कैंसर की जल्दी पहचान में मदद कर सकते हैं. इस टेस्ट की मदद से कैंसर को फर्स्ट स्टेज पर पकड़ना मुमकिन है, जहां यह पूरी तरह से ठीक होने लायक होता है. कैंसर के लिए आपको कौन से ब्लड टेस्ट करवाने होंगे यहां हम आपको बता रहे हैं.
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सीए-125 (CA-125)
सीए-125 (कैंसर एंटीजन) एक प्रोटीन है, जो आमतौर पर ओवेरियन कैंसर के मरीजों में बढ़ा हुआ होता है. इसका पता ब्लड टेस्ट की मदद से आसानी से किया जा सकता है. विशेष रूप से महिलाओं के लिए ये टेस्ट जरूरी होता है, क्योंकि यह ओवेरियन कैंसर की शुरुआती पहचान में मदद कर सकता है.
पीएसए (PSA)
पीएसए (प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन) टेस्ट पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान में करने के लिए जरूरी होता है. इस टेस्ट की मदद से ब्लड में पीएसए के लेवल को मापा जाता है. यदि रिपोर्ट में इसका लेवल नॉर्मल से ज्यादा आता है तो यह प्रोस्टेट में गड़बड़ी का संकेत होता है जो कैंसर भी हो सकता है. 50 की उम्र के बाद हर पुरुष को यह टेस्ट करवाना चाहिए.
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सीए-19-9 (CA 19-9)
सीए-19-9 ब्लड में मौजूद एक तरह प्रोटीन है जो एक ट्यूमर मार्कर भी है. इसे मापने के लिए सीए 19-9 रेडियोइम्यूनोएसे ब्लड टेस्ट होता है. यदि रिपोर्ट में ब्लड में सीए-19-9 का लेवल बढ़ा होता है तो पैंक्रियाटिक कैंसर या अन्य गैस्ट्रिक समस्याओं का संकेत हो सकता है.
एफपी
एफपी (Alpha-fetoprotein) टेस्ट मुख्य रूप से लिवर कैंसर और कुछ प्रकार के टेस्टीकुलर कैंसर की पहचान में मदद करता है. यह टेस्ट ऐसे लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है, जो लिवर की क्रॉनिक बीमारी से ग्रस्त है.
ट्रिप्टेस (Tryptase)
ट्रिप्टेस एक एंजाइम है, जो मुख्य रूप से मस्तिष्क में मौजूद मास्ट सेल्स द्वारा पैदा होता है. ब्लड में ट्रिप्टेस के लेवल को मापकर मस्त सेल ल्यूकेमिया (Mast Cell Leukemia) और अन्य प्रकार के ब्लड कैंसर की पहचान की जाती है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.