सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में मंडल पूजा का समारोह विधिपूर्वक आज संपन्न हो गया है. गौरतलब है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह खत्म होने के बाद 23 जनवरी से मंदिर में विशेष मंडल पूजा की शुरुआत हुई थी. 23 जनवरी से लेकर पूरे 48 दिनों तक यह पूजा का आयोजन हुआ. 48 दिनों तक चलने वाली इसी विशेष पूजन प्रक्रिया को मंडल पूजा कहा जाता है. जिसके अंतर्गत भगवान रामलला के उत्सव प्रतिमा के साथ-साथ विराजमान रामलला की प्रतिमा को 1000 तांबे के कलश से पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया. जिसमें सरयू और गंगा नदी का जल से शामिल है. इसके साथ ही भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया.
गौरतलब है कि उत्तर भारत में मंडल पूजा बहुत ज्यादा प्रचलित नहीं है. लेकिन दक्षिण भारत में मंडल पूजा का आयोजन आम बात है. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य के नेतृत्व में इस पूजा का आयोजन हुआ. मंडल पूजा के दौरान प्रतिदिन शाम को परिसर में भगवान रामलला की उत्सव प्रतिमा को पालकी पर घुमाया जाता था. जिसके बाद भगवान का अभिषेक गायन नृत्य किया जाता था. इसके साथ ही 48 दिन में देश की नामचीन हस्तियां कलाकारों ने रामलला के सामने अपनी कला का प्रदर्शन किया.
क्या है मंडल पूजा?राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य ने बताया कि आज मंगल पूजा समाप्त हुई है. 1000 कलश में पवित्र नदियों के जल जिसमें सरयू, गंगा शामिल हैं. उससे रामलला का अभिषेक हुआ है. विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य ने बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य ने बताया कि मंडल पूजा का महत्व कई पुराणों में वर्णन है. ऐसी मान्यता है कि केवल मंडला पूजा से ही व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से बदल सकता है,भक्तों को 48 दिनों की अवधि के दौरान सांसारिक सुखों से दूर रहना होता है.
.Tags: Ayodhya News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 10, 2024, 20:00 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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