45 percent people are suffering from serious liver disease due to poor sleep | 45% लोगों को नींद की वजह से हो रही है यह गंभीर लिवर की बीमारी, नई रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बातें

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45 percent people are suffering from serious liver disease due to poor sleep | 45% लोगों को नींद की वजह से हो रही है यह गंभीर लिवर की बीमारी, नई रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बातें



क्या आपकी नींद आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकती है? हाल ही में हुई एक रिसर्च ने हैरान करने वाले आंकड़े पेश किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 45% लोगों में लिवर की गंभीर बीमारियां खराब नींद की आदतों से जुड़ी पाई गई हैं. अधूरी या खराब नींद की क्वालिटी न केवल आपकी एनर्जी और मूड को प्रभावित करती है, बल्कि यह आपके लिवर पर भी गंभीर असर डाल सकती है.
एक नई रिसर्च ने यह साबित कर दिया है कि खराब नींद और लिवर की गंभीर बीमारी मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टिएटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) के बीच सीधा संबंध है. पहले इसे नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता था. यह लिवर की सबसे आम बीमारी है, जो दुनिया भर में 30% वयस्कों और 7% से 14% बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2040 तक यह आंकड़ा 55% से अधिक वयस्कों तक पहुंच सकता है.
स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ बासेल के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी और स्लीप साइकल के बीच के संबंध को स्पष्ट किया है. फ्रंटियर्स इन नेटवर्क फिजियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पहली बार यह दिखाया गया कि MASLD से पीड़ित मरीजों की नींद सामान्य लोगों की तुलना में काफी अलग होती है. रिसर्च के अनुसार, MASLD मरीज रात में 55% ज्यादा बार जागते हैं और पहली बार सोने के बाद औसतन 113% ज्यादा देर तक जागे रहते हैं. इसके अलावा, ये मरीज दिन के दौरान अधिक और लंबी नींद लेते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि इस बीमारी से पीड़ित लोग नींद में बार-बार रुकावटों और बढ़ी हुई जागरूकता के कारण “नींद का विखंडन” झेलते हैं.
अध्ययन के बारे मेंअध्ययन में 46 वयस्क पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया, जिन्हें MASLD, MASH (स्टिएटोहेपेटाइटिस) या सिरोसिस जैसी स्थितियां थीं. इनकी तुलना 16 स्वस्थ वयस्कों और 8 ऐसे लोगों से की गई जिनमें गैर-MASH संबंधी सिरोसिस था. सभी प्रतिभागियों को एक्टिग्राफ नामक डिवाइस पहनाई गई, जो शारीरिक गतिविधि, रोशनी और शरीर के तापमान को ट्रैक करती है.
अध्ययन के नतीजेनतीजों से पता चला कि MASLD और MASH से जुड़े मरीजों की नींद की क्वालिटी सामान्य लोगों के मुकाबले बेहद खराब थी. इसके अलावा, 32% MASLD मरीजों ने बताया कि उन्हें मानसिक तनाव के कारण नींद में परेशानी होती है, जबकि यह समस्या केवल 6% स्वस्थ प्रतिभागियों में देखी गई. विशेषज्ञों के अनुसार, नींद की कमी MASLD की उत्पत्ति में भूमिका निभाता है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि MASLD नींद की समस्या पैदा करता है या इसके विपरीत, लेकिन मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, जेनेटिक्स और इम्यून प्रतिक्रिया इसके मुख्य कारण हो सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 
 



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