40 percent diabetic patients are not getting treatment condition is worst in this country | डायबिटीज के 40 फीसदी मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, इस देश में है सबसे खराब हालत

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दुनियाभर में डायबिटीज के 40 फीसदी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है. विकासशील देशों में उपचार के कम और महंगे साधनों की वजह से डायबिटीज मरीजों की हालत सबसे अधिक खराब है. 2023 डायबिटीज ग्लोबल इंडस्ट्री ओवरवीव नामक सर्वे में ये तथ्य सामने आए हैं.
सर्वे के मुताबिक, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले चार में से तीन डायबिटीज मरीजों को उपचार नहीं मिल पाता. इसकी वजह उनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं हो पाना है. प्रमुख शोधकर्ता साशा कोरोगोडस्की ने कहा कि दुनिया में 530 कंपनियां मधुमेह के इलाज में विशेषज्ञता रखती हैं, लेकिन सिर्फ 33 कंपनियां अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में हैं.वैश्विक स्तर पर असमानता अधिकरिपोर्ट में कहा गया है कि गरीब देशों में इंसुलिन की कीमत वहां के लोगों की लगभग एक महीने की आय के बराबर है. उपचार की असमानता वैश्विक स्तर पर डायबिटीज के रोगियों की देखभाल में सुधार की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है. एमरेफ हेल्थ अफ्रीका के मुख्य कार्यकारी कैरोलिन एमबीड्यो ने कहा कि अफ्रीका के आधे लोगों के पास जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं तक भी पहुंच नहीं है.
जलवायु परिवर्तन जिम्मेदाररिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में मधुमेह के बढ़ते मामलों के लिए जलवायु संकट भी जिम्मेदार है. अधिक गर्मी के कारण फसलों का पोषण घट रहा है. पारंपरिक फसलें खत्म हो रही हैं. वहीं, शहरीकरण की वजह से लाइफस्टाइल बिगड़ने से टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर का खतरा भी बढ़ गया है.
भारत डायबिटीज की राजधानीदुनियाभर में डायबिटीज के सबसे अधिक मरीज भारत में हैं. इस वजह से भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है. भारत में इस साल डायबिटीज मरीजों की संख्या 10.1 करोड़ पाई गई है. इसमें करीब 3.6 करोड से ज्यादा लोगों में डायबिटीज का पता ही नहीं है. इसके चलते उनका इलाज नही हो पा रहा है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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