40 गांव में आतंक का पर्याय बना टाइगर पिंजरे में हुआ कैद, जांच के बाद तय होगी ‘सजा’

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40 गांव में आतंक का पर्याय बना टाइगर पिंजरे में हुआ कैद, जांच के बाद तय होगी 'सजा'



हाइलाइट्सपिछले 2 महीने से टाइगर के खौफ से लोग घरों में कैद थे टाइगर ने कई मवेशियों के साथ ही 10 साल के बच्चे का भी शिकार किया था अब जांच के बाद तय होगा कि टाइगर को जू भेजा जाए या फिर जंगल में छोड़ दिया जाए लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर खीरी में पिछले 2 महीने में 40 गांव में दहशत का पर्याय बने बाघ को आखिरकार वन विभाग ने पकड़ा ही लिया. वन विभाग ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करके पकड़ा. टाइगर के पकड़े जाने की खबर सुनकर इलाके के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और भारी संख्या में लोग पिंजरे में कैद बाघ को देखने के लिए मौके पर इकट्ठे हो गए.

पलिया तहसील इलाके के मरोचा गाव के आस पास इलाके में  2 माह से बाघ के खौफ से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था. बाघ ने एक 10 वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था.  वहीं उसके हमले में कई लोग घायल भी हो चुके थे. इसके अलावा बाघ ने दर्जनों मवेशियों को भी अपना शिकार बना चुका था. बाघ के हमले से लगातार लोगों के मारे जाने के बाद वन विभाग की टीम ने कई जगहों पर पिंजरा लगाया हुआ था और ट्रेंकुलाइज के लिए परमिशन भी ले ली थी. मंगलवार को उसी बाघ को वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया. बाघ को देखने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण पिंजरे में झांकते रहे. आखिरकार ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी भी आई कि जिस बाघ के खौफ से वह लोग बाहर निकल नहीं पा रहे थे, आखिरकार वह पकड़ा गया.ग्रामीणों ने ली राहत की सांसमौके पर मौजूद ग्रामीण रामपाल ने बताया कि टाइगर को पकड़े जाने से ग्रामीणों को उसके आतंक से निजात मिली है. पिछले 2 महीने से घरों से निकलना मुश्किल हो गया था. वहीं बुजुर्ग जगदीश का कहना है कि टाइगर का पकड़ा जाना जरूरी था, क्योंकि लगातार वह इस इलाके में देखा जा रहा था और इसके चलते इलाके में लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया था. इस समय गन्ने की कटाई चल रही थी, हम काफी राहत महसूस कर रहे हैं.

जांच के बाद तय होगा टाइगर का भविष्यलखीमपुर खीरी के उत्तर वन प्रभाग के डीएफओ सुंद्रेश कुमार ने बताया कि लगातार इस टाइगर को वन विभाग की टीम ट्रेस कर रही थी. आज सुबह एक गन्ने के खेत में जाल लगाकर तीन तरफ से घेरा था और चौथी तरफ से हाथियों की मदद से स्पेशलिस्ट डॉक्टर दया ने इसको ट्रेंकुलाइज कर दिया. अब इसको हम दुधवा टाइगर रिजर्व के बेस कैंप में ले आए हैं. जांच के बाद तय कर पाएंगे इस टाइगर के साथ आगे क्या करना है. चिड़ियाघर भेजना है या वापस जंगलों में छोड़ देना है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Dudhwa Tiger Reserve, Lakhimpur Kheri, UP latest newsFIRST PUBLISHED : November 30, 2022, 08:55 IST



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