मऊ. उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के दोहरीघाट में प्रथम पंचवर्षीय योजना में बनी एशिया की पहली चौधरी चरण सिंह पंप कैनाल नहर है जो चार रजवाहा समेत 40 माइनर शाखा संचालित करती है. नहर की कुल लंबाई मऊ से बलिया तक 350 किलोमीटर है. इससे लाखों किसान लाभान्वित होते हैं. इस एक पंप कैनाल में 12 पंप लगे हुए हैं, जिसके द्वारा इस नहर में पानी छोड़ा जाता है. एशिया की पहली व दूसरे नंबर पर सबसे बड़ी नहर दोहरीघाट का नाम उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 में बदलकर चौधरी चरण सिंह पंप नहर कर दिया है.
लाखों किसानों के लिए वरदानलाखों किसानों के लिए यह कैनाल पंप नहर वरदान साबित हो रही है. पंप नहर का विस्तार 350 किलोमीटर में हैं. इससे मऊ – बलिया जनपद के किसानों को सिंचाई सुविधा आसानी से मिल जाती है. वर्ष 1954 में पंप कैनाल का निर्माण कराने वाले तत्कालीन सिंचाई मंत्री पं.कमलापति त्रिपाठी की सोच पूर्वांचल के किसानों का उत्थान करना था. उन्होंने खेतों को सिंचाई सुविधा देकर आर्थिक स्थिति को भी मजबूती दी. वहीं दोहरीघाट में पंप कैनाल नहर स्थापित कर किसानों को बड़ी राहत दी थी.
कब हुई थी स्थापनापंपो से छोड़े जाने वाले पानी की धारा का वेग व दबाव अधिक होने के कारण उदगम स्थल से मुरादपुर तक पक्की नहर का निर्माण कराया गया है. मुरादपुर के आगे नहर खोदी गई है. यही आंकड़ों की नजर में पंप कैनाल नहर को देखा जाए तो इस पंप नहर की स्थापना साल 1954 में की गई थी. इस कैनाल में कुल 12 पंप हैं, जिसमें 10 पम्प संचालित है तथा स्टैंडबाई पंप 2 हैं. यहां और काम अभी जारी है साथ ही लगाया गए सभी 12 पंप समय-समय पर आवश्यकता अनुसार चालू होते रहते हैं.
दूर-दूर से आते हैं लोग60 क्यूसेक प्रति पंप की संख्या 08 है, 75 क्यूसेक प्रति पंप की संख्या 04 है. कुल रजवाहे 04 हैं तथा इसमें कुल 40 माइनर हैं. कुलाबों की संख्या 750 है. इस कैनाल पंप द्वारा हर दिन कुल पानी निकालने का लक्षय 660 क्यूसेक है और वर्तमान में पानी निकालने की क्षमता 450 क्यूसेक है. इस पंप नहर द्वारा सिंचित भूमि 45000 हेक्टेयर है तथा इसकी कुल लंबाई 350 किलोमीटर है.
लोकल 18 से बात करते हुए वहां के स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि बनाया गया यह पंप कैनाल किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं है. एशिया में सबसे बड़ा पंप कैनाल होने के वजह से यहां इस पम्प कैनाल को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं.
Tags: Local18, Mau news, News18 uttar pradeshFIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 14:46 IST