प्रेग्नेंसी का सफर जितना खूबसूरत होता है, डिलीवरी को लेकर उतनी ही अफवाहें और डराने वाली बातें फैली होती हैं. पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को अक्सर लोग तरह-तरह की बातें बताकर डरा देते हैं, जैसे- नॉर्मल डिलीवरी असंभव है, सी-सेक्शन ज्यादा सेफ है या प्रसव के दौरान असहनीय दर्द होता है! लेकिन क्या वाकई ये सब सच है?
अगर आप भी डिलीवरी को लेकर घबराए हुए हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं, आज हम आपको बताने वाले हैं सबसे बड़े 3 भ्रम, जो प्रेग्नेंट महिलाओं के बीच आम हैं और इनकी सच्चाई जानकर आप भी राहत की सांस लेंगी.
भ्रम 1: पहली डिलीवरी हमेशा सी-सेक्शन से ही होती है!सच्चाई: यह एक सबसे बड़ा झूठ है. बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि पहली बार मां बनने पर सी-सेक्शन कराना ही पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं है. अगर मां और बच्चा दोनों हेल्दी हैं, तो नॉर्मल डिलीवरी पूरी तरह संभव है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, 85% मामलों में नॉर्मल डिलीवरी संभव होती है. नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट और डॉक्टर की सलाह से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ाई जा सकती है. सिर्फ कॉम्प्लिकेटेड मामलों में ही सी-सेक्शन की जरूरत पड़ती है, जैसे बेबी की गलत पोजीशन, गर्भनाल की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर आदि.
भ्रम 2: नॉर्मल डिलीवरी बहुत दर्दनाक होती है, इसे झेलना असंभव है!सच्चाई: यह सच है कि नॉर्मल डिलीवरी में दर्द होता है, लेकिन इसे झेलना असंभव नहीं है. आज के समय में दर्द कम करने के कई तरीके उपलब्ध हैं, जैसे एपिड्यूरल एनाल्जेसिया, ब्रीदिंग टेक्निक्स और योग. शरीर खुद डिलीवरी के लिए तैयार होता है और प्राकृतिक हार्मोन दर्द को मैनेज करने में मदद करते हैं. लेबर के दौरान सही ब्रीदिंग और रिलैक्सेशन टेक्निक्स अपनाने से दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है. पानी में डिलीवरी जैसी तकनीकें भी दर्द को कम करने में मददगार होती हैं.
भ्रम 3: अगर बेबी का वजन ज्यादा है, तो नॉर्मल डिलीवरी नामुमकिन है!सच्चाई: यह पूरी तरह गलत है. अगर बेबी का वजन 3.5 से 4 किलो तक भी है, तो भी नॉर्मल डिलीवरी संभव है. सिर्फ वजन ही डिलीवरी का तरीका तय नहीं करता, बल्कि मां के पेल्विक आकार, शारीरिक स्थिति और बेबी की पोजीशन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एक्सरसाइज और सही खान-पान से शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है, जिससे भारी वजन के बच्चे की भी नॉर्मल डिलीवरी संभव हो सकती है. डॉक्टर्स भी बिना जरूरत सी-सेक्शन की सलाह नहीं देते, जब तक कि कोई मेडिकल रिस्क न हो.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.