नई दिल्ली: भारत को करिश्माई कप्तान विराट कोहली की मौजूदगी की जरूरत है जिससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने के उसके अभियान को मजबूती मिलेगी लेकिन मंगलवार से शुरू हो रहे टेस्ट में मेजबान टीम भी दूसरा टेस्ट जीतने के बाद बढ़े हुए मनोबल के साथ उतरेगी. कोहली पीठ के ऊपरी हिस्से में जकड़न के कारण पिछले हफ्ते जोहानिसबर्ग में दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे और अगर न्यूलैंड्स पर ट्रेनिंग सत्र से मिले संकेतों को देखें तो भारतीय कप्तान के तीसरे और अंतिम टेस्ट में खेलने की पूरी संभावना है.
बेटी के जन्मदिन पर खेलेंगे मैच
तीन मैचों की सीरीज अभी 1-1 से बराबर है. मेजबान टीम भी निश्चित तौर पर दूसरे टेस्ट में अपने प्रदर्शन से प्रेरणा लेना चाहेगी. कोहली अपना 99वां टेस्ट अपनी बेटी के पहले जन्मदिन के मौके पर खेलेंगे. ऐसे में बल्लेबाज कोहली चाहेंगे कि वह पिछले कुछ समय से बेहद दबाव का सामना कर रहे कप्तान कोहली के लिए इस मैच को यादगार बनाएं. दक्षिण अफ्रीका में तीन दशक में पहली टेस्ट सीरीज जीतने से निश्चित तौर पर कोहली का नाम पारंपरिक प्रारूप में देश के महानतम कप्तान के रूप में स्थापित होगा.
कोहली को इस गलती से बचना होगा
काफी विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि विराट कोहली को आफ ड्राइव खेलने से बचना होगा या फिर 2004 में सचिन तेंदुलकर की तरह की पारी खेली होगी जब सिडनी में ब्रेट ली एंड कंपनी के खिलाफ उन्होंने दोहरा शतक नहीं जड़ने तक आफ साइड में शॉट नहीं खेले थे. लेकिन कोहली का अपना अलग तरीका है. अगर रविवार के अभ्यास पर गौर करें तो वह अभी कवर ड्राइव खेलने से नहीं हिचक रहे हैं.
बल्लेबाजों से होगी उम्मीद
इसके लिए हालांकि भारत को अपने बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी जो पिछले कुछ समय से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. पहली पारी में 300 से अधिक का स्कोर खड़ा करना महत्वपूर्ण होगा. टीम में ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिनकी सिर्फ मौजूदगी से ही टीम को मनोवैज्ञानिक फायदा मिलता है और कप्तान कोहली इसी तरह के खिलाड़ियों में शामिल हैं. वह बल्लेबाजी कर रहे हों या फील्डिंग, मैदान पर कोहली की मौजूदगी ही विरोधी टीम को असहज करने के लिए काफी है. वह भले ही दो साल से शतक नहीं जड़ पाए हों लेकिन उनकी मौजूदगी विरोधी टीम को रणनीति बदलने पर मजबूर करती है.
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, रविचंद्रन अश्विन, शारदुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे, रिद्धिमान साहा, जयंत यादव, प्रियांक पांचाल, उमेश यादव, हनुमा विहारी और इशांत शर्मा.
दक्षिण अफ्रीका: डीन एल्गर (कप्तान), तेम्बा बावुमा, कागिसो रबाडा, सरेल इरवी, ब्युरेन हेंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, एडेन मार्कराम, वियान मुल्डर, कीगन पीटरसन, रासी वेन डेर डुसेन, काइल वेरेने, मार्को जेनसन, ग्लेनटन स्टुरमैन, प्रेनेलन सुब्रायेन, सिसांडा मगाला, रेयान रिकेल्टन, डुआने ओलिवियर.