नई दिल्ली. दो दशकों के बाद एक लापता बेटे की रहस्यमय वापसी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के एक गांव को हिलाकर रख दिया है. 22 साल पहले गायब हुआ 11 साल का लड़का एक तपस्वी बनकर अपनी मां से भिक्षा मांगने के लिए लौटा है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मां और बेटे के फिर से मिलने को बेहद भावनात्मक तरीके से दिखाया गया है. एक तपस्वी की पारंपरिक पोशाक में वह व्यक्ति तीन तारों वाला पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र सारंगी बजाता है और अपनी मां से भिक्षा मांगते हुए उदास धुनें गाता है.
तपस्वी लोकप्रिय लोककथाओं के एक केंद्रीय पात्र, राजा भरथरी के बारे में एक समान कहानी के साथ लोक गीत गाते हैं. राजा भरथरी से जुड़ी कहानियों में से एक यह है कि कैसे उन्होंने एक भिक्षु बनने के लिए एक समृद्ध राज्य छोड़ दिया था.
एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वीडियो में लंबे समय से खोया हुआ बेटा भजन गा रहा है, जबिक मां रो रही है. यह कहानी 1920 के भवाल मामले की याद दिलाती है, जब एक भटकते हुए तपस्वी ने भवाल (वर्तमान बांग्लादेश में) के रामेंद्र नारायण रॉय का पुनर्जन्म होने का दावा किया था, जिन्हें एक दशक पहले मृत मान लिया गया था, जिसके बाद एक लंबी कानूनी लड़ाई छिड़ गई थी.
मौजूदा मामले में, रतिपाल सिंह का बेटा पिंकू 2002 में 11 साल की उम्र में अपने पिता के साथ कंचे खेलने को लेकर हुए विवाद के कारण दिल्ली स्थित अपने घर से गायब हो गया था. उनकी मां, भानुमती ने उन्हें डांटा था, और गुस्से में पिंकू एक ऐसी यात्रा पर निकल पड़े, जिसने उन्हें दो दशकों तक अपने परिवार से दूर रखा.
पिछले हफ्ते, अमेठी का खरौली गांव उस समय स्तब्ध रह गया जब तपस्वी, जो लंबे समय से खोया हुआ पिंकू निकला, अपने परिवार की तरफ लौट आया. ग्रामीणों ने तुरंत उसके माता-पिता को सूचित किया जो अभी भी दिल्ली में रहते हैं. जब माता-पिता पहुंचे तो उन्होंने पिंकू के शरीर पर चोट के निशान से उसकी पहचान की. हालांकि, यह मुलाकात कुछ ही समय के लिए था. पिंकू ने अपनी मां से भिक्षा ली और अपने परिवार और गांव वालों की मिन्नतों के बावजूद, एक बार फिर उन्हें छोड़कर वहां से निकल गया.
.FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 20:55 IST
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