2026 कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती आउट, खिलाड़ियों का छलका दर्द, कहा- बहुत नाइंसाफी हुई

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2026 कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती आउट, खिलाड़ियों का छलका दर्द, कहा- बहुत नाइंसाफी हुई



मेरठ. वेस्ट यूपी को कुश्ती के खिलाड़ियों का गढ़ कहा जाता है. यहां के खिलाड़ी वैश्विक पटल पर भारत का नाम लगातार रोशन कर रहे हैं. लेकिन इस बीच कुश्ती को राष्ट्रमंडल खेल- 2026 से आउट कर दिया गया है. इस खबर से मेरठ में कुश्ती खिलाडि़यों में खासा निराशा है. चौधरी चरण यूनिवर्सिटी के रुस्तम-ए-जमां दारा सिंह स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया है.
खिलाड़ियों ने कहा कि उनका तो सपना टूट गया है, जबकि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आठ साल का इंतजार करना पड़ेगा. इसके बाद भी कुश्ती खेल को शामिल करेंगे, इसका भरोसा नहीं है. खिलाड़ियों ने राजनीति के तहत कुश्ती को हटाने का आरोप लगाया है.
कोच डॉ. जबर सिंह सोम ने कहा 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान आस्ट्रेलिया का कुश्ती खेल कमजोर होने के कारण यह निर्णय लिया गया. कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने के लिए कुश्ती खिलाड़ी वर्षों का इंतजार करते हैं. लेकिन एक गलत निर्णय से आठ साल का गैप आ गया, जो बेहद निराशानजनक है.
गौरतलब है कि 2026 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती खेल को बाहर कर दिया गया है. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ व ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल संघ ने यह घोषणा की है. जिसे लेकर कुश्ती खिलाड़ियों में रोष है. इसी साल भारत ने बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में सबसे अधिक 12 (6 स्वर्ण, 1 रजत, 5 कांस्य) पदक हासिल किए थे. यह खेल 2010 के बाद से लगातार चार कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल रहा.
हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कांस्य पदक जीतकर पहलवान दिव्या काकरान ने उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में नाम रोशन किया था. देश के लिए मेडल लाने के बाद दिव्या जब मेरठ पहुंची, तो उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्सहन दिए जाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया था. दिव्या का कहना था कि यूपी सरकार खिलाड़ियों का पूरा सहयोग कर रही है. पदक जीतने के बाद यूपी सरकार की ओर से दी गई प्रोत्साहन राशि पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को आगे बढ़ा रही है.
इससे पहले भी यहां के खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती स्पर्धा में पदक की झड़ी लगाई है. मेरठ में तो कुश्ती सीखने के लिए छोटे छोटे बच्चे भी पहुंचते हैं. इन बच्चों की आंखों में बस एक ही सपना रहता है कि एक दिन वैश्विक पटल पर भारत का नाम रोशन करेंगे. उनमें से एक महत्वपूर्ण स्पर्धा कॉमनवेल्थ गेम्स भी रहता है. ऐसे में ये फैसला यकीनन खिलाड़ियों के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं. खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार को इस मसले पर आवाज बुलंद करना चाहिए, ताकि उन्हें इसका खामियाजा ना भुगतना पड़े.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Commonwealth Games, Meerut news, UP news, WrestlingFIRST PUBLISHED : October 07, 2022, 21:39 IST



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