Team India: साल 2007 में अपनी लीडरशिप के दौरान टीम इंडिया की नाकामी के कारण राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था, जिसके बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को एक दिग्गज भारतीय टीम का कप्तान बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. दरअसल, BCCI के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार साल 2007 में सचिन तेंदुलकर को एक बार फिर से टीम इंडिया का कप्तान बनाना चाहते थे, लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने उनका ये ऑफर ठुकरा दिया.
2007 में द्रविड़ की जगह सचिन को कप्तान बनाना चाहता था ये दिग्गज
BCCI के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार का आज 82वां जन्मदिन है. शरद पवार साल 2005 से लेकर साल 2008 तक BCCI के अध्यक्ष रहे थे. शरद पवार ने खुद एक बार बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि साल 2007 में टीम इंडिया जब इंग्लैंड दौरे पर थी, तब तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ उनके पास आए और कप्तानी छोड़ने का अपना फैसला सुना दिया. राहुल द्रविड़ के मुताबिक कप्तानी से उनकी बल्लेबाजी पर असर पड़ रहा था. शरद पवार ने कहा, ‘राहुल द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने के फैसले के बाद जब मैंने सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया की कप्तानी सौंपनी चाही तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया था.
सचिन तेंदुलकर ने कर दिया था इनकार
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने साल 1996 से लेकर साल 2000 तक टीम इंडिया की कप्तानी की थी, लेकिन खुद की बल्लेबाजी पर असर पड़ता देख उन्होंने भी कप्तानी को अलविदा कह दिया था. सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में टीम इंडिया को 73 वनडे मैचों में से सिर्फ 23 मैचों में ही जीत नसीब हुई थी. वहीं, सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में टीम इंडिया ने 25 टेस्ट मैचों में से केवल 4 मैच ही जीते थे. सचिन तेंदुलकर को जब शरद पवार ने साल 2007 में दोबारा टीम इंडिया की कप्तानी संभालने के लिए कहा तो उन्होंने इसी वजह से ही मना कर दिया था.
फिर धोनी की यूं खुल गई किस्मत
शरद पवार ने खुलासा किया कि सचिन तेंदुलकर ने खुद तो कप्तानी करने से मना कर दिया था, लेकिन उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को नया कप्तान बनाने का बेहतरीन आयडिया को दे दिया. शरद पवार ने कहा, ‘सचिन तेंदुलकर ने तब मुझे बताया कि एक खिलाड़ी है, जो टीम इंडिया की कप्तानी कर सकता है और वह है महेंद्र सिंह धोनी. इसके बाद हमने महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का नया कप्तान बनाने का फैसला किया था.’