सृजित अवस्थी/ पीलीभीत : पीलीभीत के न्यायालय का एक फैसला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. पीलीभीत के कुछ होमगार्ड्स को सन् 2003 में की गए गबन की सजा मिली है. सन 2005 में लिखी गई एफआईआर पर 18 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्तों को 4 वर्ष की सजा और 16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
दरअसल, पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में हुई एक हत्या के मामले की जांच सीबीसीआईडी बरेली के द्वारा कि जा रही थी. जिसमे सामने आया कि सूरज प्रसाद नाम का एक होमगार्ड ड्यूटी के दौरान 3 दिन गैरहाजिर था. लेकिन फिर भी उसने अपने प्लाटून कमांडर चुन्नीलाल, कंपनी कमांडर अब्दुल नफीस और बीओ रोशनलाल की मदद से कागजों में हेराफेरी कर दो दिन का मानदेय 170 रुपए गैरहाजिर होने के बावजूद भी सरकार को चूना लगाते हुए ले लिया.
दोषियों को मिली 4 साल की सजामामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद सन 2005 में पूरनपुर में थाने में मामले की एफआईआर दर्ज की गई. मामला कोर्ट गया और मुकदमा चलने लगा. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान होमगार्ड सूरज प्रसाद की मौत हो गई. जिसके बाद उसका नाम मामले से हटा दिया गया. हाल ही में पीलीभीत के प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने 3 आरोपियों चुन्नीलाल, रोशनलाल और अब्दुल नफीस को मामले में दोषी करार देते हुए सभी पर 16-16 हजार रुपए का जुर्माना और 4 साल की सजा सुनाई है.
जिला कोर्ट का रुख करेंगे अभियुक्तमामले पर अधिक जानकारी देते हुए अभियुक्तों के वकील अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि अब वे अभियुक्तों की ओर से अपील ले कर जिला न्यायालय का रुख करेंगे.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 18:53 IST
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