2 युवकों ने नहीं दी साइड, CO हुए नाराज, दरोगा को बुलाया, फिर जो हुआ, कोई यकीन नहीं करेगा – 2 Youths did not clear way CO got anger calls Sub inspector immediately in Hardoi UP Surprising twist came when Case came before court

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2 युवकों ने नहीं दी साइड, CO हुए नाराज, दरोगा को बुलाया, फिर जो हुआ, कोई यकीन नहीं करेगा - 2 Youths did not clear way CO got anger calls Sub inspector immediately in Hardoi UP Surprising twist came when Case came before court

हरदोई. हरदोई में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठे हैं. दो युवकों को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले में जेल भेजा था. आरोपियों की पैरवी करते हुए उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि सीओ की कार को साइड न देने पर पुलिसकर्मियों ने दोनों को जमकर पीटा और उसके बाद फर्जी असलहा लगाकर जेल भेज दिया. पुलिस ने उनकी रिमांड अदालत से मांगी थी. जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस कार्रवाई पर ही सवाल उठाए. कोर्ट ने टिप्पणी भी की है कि इस मामले में जो पांच वीडियो प्रस्तुत किए गए हैं, वह कूट रचित हैं. किसी को फंसाए जाने के मकसद से बनाए गए मालूम होते हैं.

पुलिस ने 26 सितंबर को समीम और मुलायम यादव, निवासी हकीमखेड़ा, थाना-सण्डीला, जिला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. इस मामले में विवेचक ने रिमांड शीट केस डायरी, मेडिकल तथा गिरफ्तारी सूचना मेमो लगाकर पेश की. फिर आरोपियों की 14 दिन की रिमाण्ड की मांग की. पुलिस ने तर्क दिया कि आरोपी की गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर विवेचना की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है. सबूतों के संकलन की कार्रवाई अभी बाकी है.

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आरोपियों के वकील अभिषेक बाजपेयी ने आपत्ति आपत्ति लगाते हुए कोर्ट को बताया कि सीओ ने मोहम्मदपुर रोड से मोहमदीपुर के बीच गाड़ी को साइड न देने की वजह से दोनों युवकों को पकड़ा. दोनों को मारा-पीटा. सीओ ने दरोगा को बुलाया. दरोगा और स्थानीय थाने की पुलिस आ गई. उन्होंने आरोपियों को मारा-पीटा. रात 10 बजे तक वहीं पर बैठा कर रखा. सात आठ बार वीडियो बनाए. दोनो के तमंचा लगाकर भी वीडियो बनाए और थाने लिये चले गए.

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मामले में अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट देवेंद्र प्रताप सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रकरण में धारा 105 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का अनुपालन नहीं किया जाना बताया है. धारा में प्रावधान है कि तलाशी एवं जब्ती की कार्रवाई का ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग किया जाना अनिवार्य है. तमंचा आरोपियों के पास से बरामद होना बताया गया है. आरोपियों के पास से बरामदगी का वीडियो बनाया गया, जिसे कोर्ट के सामने पेश किया गया. वीडियो 5 भागों में था. पहला वीडियो 01 मिनट 32 सेकंड, दूसरा 0.07 सेकंड, तीसरा 1 मिनट 25 सेकंड, चौथा वीडिया 6 मिनट 2 सेकंड और आखिरी पांचवा वीडियो 12 मिनट 36 सेकंड का था. जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी वीडियो को देखने के बाद प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोपियों के पास से बरामदगी की कार्रवाई उन्हें मात्र फर्जी तरीके से फंसाने के उद्देश्य से की गई है. जज ने पुलिस रिमांड की याचना को खारिज करते हुए हरदोई एसपी को निष्पक्ष जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई के निर्देश दिए.
Tags: Hardoi News, Shocking news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 23:50 IST

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