पीलीभीत. अब तक उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले को केवल ईको टूरिज्म हब के रूप में जाना जाता था. वहीं अगर औद्योगिक लिहाज से देखें तो पीलीभीत काफी अधिक पिछड़ा क्षेत्र है. लेकिन अब सरकार ने इस पहचान को बदलने की कवायद शुरू कर दी है. अब जल्द ही पीलीभीत में औद्योगिक हब विकसित किया जाएगा. इसको लेकर 309 करोड़ रुपए की लागत की कार्य योजना बनाई गई है. साथ ही इस हब में एशिया की सबसे बड़ी खमीर फैक्ट्री भी स्थापित की जा रही है.दरअसल पीलीभीत जिला उद्योगों और रोज़गार के मामले में आस पास के अन्य जिलों की अपेक्षा काफ़ी अधिक पिछड़ा है. यहां के अधिकांश युवा रोजगार के लिहाज से शहर छोड़कर दूसरे शहरों में पलायन करते हैं. यहां तक कि मजदूरी के लिए भी लोगों को अन्य जिलों या फिर अन्य राज्यों का रुख़ करना पड़ता है. यही कारण है कि लंबे अरसे से स्थानीय निवासियों की ओर से जिले में ही उद्योगों को स्थापित करने की मांग उठायी जा रही थी. प्रत्येक चुनावों में यह बड़ा चुनावी मुद्दा भी बन कर उभरा था. लंबे इंतज़ार के बाद अब यह कवायद शुरू होती नजर आ रही है.309 करोड़ रुपए का बजट हुआ पासशासन की ओर से पीलीभीत की अमरिया तहसील में स्थित भरा पचपेड़ा इलाके में 1200 एकड़ जमीन को इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने के लिए चयन किया गया है. इसके लिए 309 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. जिसके तहत दो चरणों में कार्य कराए जाने हैं. पहले चरण में 184.12 करोड़ रुपए तो वहीं दूसरे चरण में 120.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस लागत से उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से कायाकल्प कार्य कराए जाएंगे. वहीं 18 महीने के भीतर इन कार्यों के धरातल पर उतरने की उम्मीद भी जताई जा रही है.आधारभूत सुविधाओं को होगा तीव्र विकासइस कार्य योजना के तहत इंडस्ट्रियल हब को 18 से 45 मीटर तक की सड़कों से जोड़ा जाएगा. वहीं 160 मीटर चौड़ी सिक्स लेन एलिवेटेड पुल भी बनाया जाएगा. इनके साथ ही साथ सभी आधारभूत सुविधाओं का भी नए सिरे से ढांचा खड़ा किया जाएगा.पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक मंसूर कटियार ने बताया कि शासन की ओर से इंडस्ट्रियल हब विकसित करने के लिए तकरीबन 309 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की गई है. टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है उम्मीद है जल्द ही कार्य धरातल पर नज़र आएगा.FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 19:34 IST