वर्तमान में इस पुरातात्विक स्थल की देखरेख की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण यह स्थल पूरी तरह से घास-फूस से ढक गया है और इसकी ईंटों का उपयोग स्थानीय लोग अपने निजी कार्यों में कर रहे हैं.
वर्तमान में इस पुरातात्विक स्थल की देखरेख की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण यह स्थल पूरी तरह से घास-फूस से ढक गया है और इसकी ईंटों का उपयोग स्थानीय लोग अपने निजी कार्यों में कर रहे हैं.