कानपुर : हाथरस में मची भगदड़ ने पूरे देश को हिला दिया था. इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान गई थी. हाथरस हादसे के बादके बाद देश भर में चर्चा में आए साकार विश्व हरि बाबा का साम्राज्य देश भर में फैला हुआ है. यूपी ही नहीं हरियाणा राजस्थान मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों तक आश्रम हैं. कानपुर में इस कथित बाबा के कई जगह आश्रम है जो महलों से कम नहीं है. कानपुर की बात करें तो कानपुर महानगर में भी बाबा के बड़ी संख्या में भक्त हैं और बाबा का यहां पर भी एक भव्य आश्रम बना हुआ है. जानिए क्या है इस आश्रम के बनने की कहानी और कैसे यहां पर पहुंचते हैं भक्त?
साकार विश्व हरि बाबा ने इस आश्रम की नींव 6 साल पहले रखी थी और भक्तों ने चंदा जुटा कर यह आश्रम बनवाना शुरू किया था. भक्तों से पैसे लेकर ही यह आश्रम बनवाया गया था और यह आश्रम साकार विश्व हरि ट्रस्ट के नाम पर बना हुआ है. यह आश्रम 14 बीघा में फैला हुआ है और यह बिल्कुल एक राजमहल की तरह बना हुआ है. ग्रामीण अंचल में इस तरीके का आश्रम देखकर कोई अंदाजा नहीं लग सकता है कि यहां पर अध्यात्म के नाम पर इतना बड़ा खेल चल रहा है.
भक्तों ने छोड़ा बाबा का साथ ?कानपुर में बने इस आश्रम में प्रदेश भर से भक्त पहुंचते हैं मुख्य रूप से कानपुर और कानपुर देहात से बड़ी संख्या में भक्त यहां पर आते हैं. मंगलवार को यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं लेकिन हाथरस कांड के बाद इस बार मंगल को यहां पर सिर्फ 10 से 12 भक्त ही आश्रम पहुंचे थे.
कानपुर में भी हुआ था बवालसाकार विश्व हरि बाबा कानपुर में कई बार सत्संग कर चुके हैं लेकिन अपने इस आश्रम में वह आज तक नहीं आए हैं. कानपुर के घाटमपुर समेत कई जगह उनके चार से पांच बार प्रोग्राम हो चुके हैं. इतना ही नहीं कई बार बाबा के सत्संग के दौरान कानपुर में कई बार बवाल भी हुआ है. क्षेत्रीय लोगों के अनुसारएक बार बाबा अपना कार्यक्रम बीच से छोड़कर भाग गए थे.
32 कमेटी संभालती हैं आश्रमकानपुर और कानपुर देहात में बाबा की 32 कमेटी है जो इस आश्रम को देखभाल करती है. हर चार दिन में अलग कमेटी यहां पर आकर अपनी सेवाएं देती है. यहां पर वह आश्रम की सारी व्यवस्थाओं को देखते हैं.
साकार विश्व हरि बाबा का रहस्यगौरतलब है कि साकार विश्व हरि बाबा के सत्संग में उनके अतिरिक्त अन्य किसी देवी-देवता की तस्वीर या मूर्ति नहीं होती. चढ़ावे में धूपबत्ती, फूल, बताशे या अन्य कोई भेंट स्वीकार्य नहीं होती. सत्संग में सर्वाधिक संख्या महिलाओं की रहती है. बाबा के चरणों की रज यानि मिट्टी को भी भक्त चमत्कारी मानते हैं. इसी चरण रज को लेने के चक्कर में हाथरस में भीषण हादसा हुआ था. साकार हरि व्यक्तिगत रूप से किसी भक्त से न तो भेंट करता है और न संवाद.
आश्रम में पसरा सन्नाटाहाथरस कांड के बाद इस आश्रम में लोगों का आना ना के बराबर हो गया है. आलम यह है कि सेवादार भी यहां से छोड़कर चले गए हैं. 2 से 4 लोग ही अब आश्रम के बाद दिखाई देते हैं. जहां कभी मंगलवार को यहां पर हजारों लोगों की भीड़ दिखती थी इस मंगलवार को सिर्फ 10 से 12 लोग ही आश्रम पहुंचे और आश्रम के गेट पर ताला जड़ दिया गया है अंदर जाने की किसी को अनुमति नहीं है.
Tags: Hathras Case, Kanpur news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 13:38 IST