131 साल पहले आम लोगों के चंदे से बनी थी अलीगढ़ की ये इमारत, खर्च जान उड़ जाएंगे होश

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Last Updated:March 28, 2025, 23:58 ISTBritish era buildings : आजादी से पहले इसका नाम क्रॉस वेट हॉल था. इसका निर्माण 1894 में शुरू हुआ और चार साल तक चला. इसका बड़ा हॉल और घुमावदार सीढ़ियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.X

ब्रिटिश शासन काल के समय में ₹25200 में बनी थी ये बेहद खास इमारतअलीगढ़. यूपी का अलीगढ़ ताला और तालीम के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. इस शहर को ताला नगरी भी कहा जाता है. इसी तालों के शहर में कई ऐतिहासिक धरोहरें भी हैं, जो अपने आप में अलीगढ़ के इतिहास को समेटे हुए हैं. इन्हीं ऐतिहासिक इमारतों में से एक अलीगढ़ का जवाहर भवन भी है, जो अपनी ऐतिहासिक इमारत के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करता रहा है. जवाहर भवन परिसर में मेयर कार्यालय भी है, जिस वजह से भी लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर व इतिहासकार एमके पुंडीर लोकल 18 से कहते हैं कि अलीगढ़ का जवाहर भवन ब्रिटिश कालीन इमारत है. आजादी से पहले इसका नाम क्रॉस वेट हॉल था, जिसका आजादी के बाद नाम बदलकर जवाहर भवन कर दिया गया.

इतिहासकार एमके पुंडीर के अनुसार, जवाहर भवन का निर्माण 1894 में शुरू हुआ था और 1898 में पूरा हुआ. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अंग्रेज अफसर क्रॉस वेट ने इसकी स्थापना कराई थी. इस अफसर के नाम पर ही इसका नाम क्रॉस वेट हॉल रखा गया. इस भवन में एक बड़ा हॉल और घुमावदार सीढ़ियां हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.

गोथिक आर्किटेक्चर

एमके पुंडीर बताते हैं कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाई गई इस इमारत को बनाने में 25 हजार 200 रुपये का खर्च आया था. निर्माण में लगे पैसों में 10 हजार रुपये का योगदान म्युनिसिपल बोर्ड ने किया था. बाकी के 15 हजार 200 रुपये का चंदा नवाबों और जनता से इकट्ठा किया गया था. जवाहर भवन की सबसे बड़ी खासियत इसकी बनावट है, जो गोथिक आर्किटेक्चर है. ये एक यूरोपीय शैली है, जो बहुत कम समय में पूरी दुनिया में फैली थी. फिलहाल ये जवाहर भवन नगर निगम के अधीन है और नगर निगम ही इस इमारत की देखभाल करता है.
Location :Aligarh,Uttar PradeshFirst Published :March 28, 2025, 23:58 ISThomeuttar-pradeshआम लोगों के चंदे से बनी थी अलीगढ़ की ये इमारत, खर्च जान उड़ जाएंगे होश

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