अमेरिका में इस साल का फ्लू सीजन बेहद घातक साबित हो रहा है. अब तक 19,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 68 बच्चे शामिल हैं. इनमें से कम से कम नौ बच्चों में फ्लू के कारण ब्रेन कॉम्प्लिकेशन देखे गए हैं. इन्हीं में से एक थी मिंका ऐशा ग्रीन, जिसकी महज 10 साल की उम्र में फ्लू की वजह से दर्दनाक मौत हो गई.
जनवरी के अंत में मिंका को हल्की कमजोरी और भूख न लगने की शिकायत हुई. उसकी माँ काइमेशा ग्रीन ने बताया कि मिंका आमतौर पर बीमार नहीं पड़ती थी, इसलिए वह चिंतित हो गईं. जब बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे फ्लू और यूटीआई (यूरिन संक्रमण) बताकर घर भेज दिया और केवल इबुप्रोफेन दवा दी. हालांकि, अगले दिन मिंका की हालत बिगड़ने लगी. उसे सिरदर्द होने लगा, जिसके बाद परिवार उसे दोबारा अस्पताल लेकर गया. डॉक्टरों ने उसे पानी चढ़ाया और फिर से घर भेज दिया.
हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्तीअगली सुबह मिंका को अचानक तेज उल्टियां होने लगीं. मां ने बताया कि वह बेड पर लेटी थी, तभी वह चीखकर बोली- ‘मम्मी!’ जब मैंने पूछा क्या हुआ, तो उसने कहा कि वह अपने पैरों और पैरों की उंगलियों को महसूस नहीं कर पा रही है.
परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर भागे. रास्ते में मिंका की आँखें पीछे पलट गईं और उसकी जीभ अनियंत्रित रूप से हिलने लगी. अस्पताल पहुंचने तक वह बेहोश हो गई और उसकी सांसें थम गईं. डॉक्टरों ने CPR और अन्य लाइफ-सेविंग प्रक्रियाएं कीं, लेकिन दिमाग में कोई हलचल नहीं थी.
मां-बाप का टूटा दिल10 फरवरी को मिंका ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. पिता डेविड ने कहा कि वो आखिरी बार था जब मैंने उसे गोद में उठाया, आखिरी बार उसे बाहों में लिया. मैं इसे जीवनभर संजोकर रखूंगा.
ब्रेन इंफ्लेमेशन बना मौत का कारणडॉक्टरों के अनुसार, मिंका की मौत का कारण फ्लू के चलते हुआ गंभीर ब्रेन इंफ्लेमेशन (दिमाग में सूजन) था. मिंका को फ्लू का टीका नहीं लगा था, जिससे उसकी स्थिति और बिगड़ गई. माता-पिता अब अन्य अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं कि जब बच्चे दर्द की शिकायत करें, तो डॉक्टर से पूरी तरह जांच करवाएं.
फ्लू के कारण बच्चों में ब्रेन कॉम्प्लिकेशन का खतराइंफ्लूएंजा-एसोसिएटेड एन्सेफालोपैथी (IAE) बच्चों में होने वाली एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है. इसके लक्षणों में दौरे आना, बेहोशी, मानसिक भ्रम, और पर्सनैलिटी में बदलाव शामिल हैं.