भारत क्रिकेट का सुपर पावर देश माना जाता है और यहां कई बेहतरीन क्रिकेट स्टेडियम मौजूद हैं, जो टीम इंडिया के इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी के लिए कड़ी टक्कर का सामना करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में 3 बड़े क्रिकेट स्टेडियम ऐसे हैं, जो 10 साल से ज्यादा समय से टीम इंडिया के किसी भी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच के आयोजन के लिए तरस रहे हैं. उससे भी बड़ी चौंकानी वाली बात ये है कि इन 3 में से एक क्रिकेट स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर ने वनडे का पहला दोहरा शतक भी जड़ा हुआ है. आइए एक नजर डालते हैं भारत के उन 3 बड़े क्रिकेट स्टेडियम्स पर जो 10 साल से ज्यादा समय से टीम इंडिया के इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी के लिए तरस रहे हैं.
1. बरकतुल्लाह खां स्टेडियम, जोधपुर
जोधपुर के बरकतुल्लाह खां स्टेडियम में आखिरी इंटरनेशनल मैच को पूरे 22 साल बीत चुके हैं. अंतिम बार इस स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच साल 2002 में वनडे मैच खेला गया था. उस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को 3 विकेट से मात दी थी. इस मैच में राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने शानदार अर्धशतक भी लगाया था. जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को ज्यादा तवज्जो मिलने के कारण जोधपुर के इस स्टेडियम को भुला दिया गया है.
2. कीनन स्टेडियम, जमशेदपुर
जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम पर अंतिम बार भारत और इंग्लैंड के बीच 2006 में वनडे मैच खेला गया था. इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी के साथ वीरेंद्र सहवाग ने पारी की शुरुआत की थी. इस मैच में इंग्लैंड ने भारत को 4 विकेट से हराया था. इसके बाद से यहां अब तक कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया है. रांची में JSCA स्टेडियम बनने के बाद इस स्टेडियम को पूरी तरह से भुला दिया गया.
3. कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम, ग्वालियर
ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम एक ऐसा स्टेडियम है, जिसका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है. ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम वही स्टेडियम है जहां क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने विश्व क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ा था. साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध हुए इस मैच को भारतीय टीम ने 153 रनों से जीता था. इस मैच के बाद से इस स्टेडियम में कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया. इस स्टेडियम की जगह अब इंदौर में मैच होने लगे हैं. जिस कारण से इस शानदार स्टेडियम की अनदेखी की जाने लगी है.